Home » हिंदी कविता संग्रह » गीत गजल और दोहे » परिवार पर दोहे :- परिवार दिवस को समर्पित दोहा संग्रह | Parivar Par Dohe

परिवार पर दोहे :- परिवार दिवस को समर्पित दोहा संग्रह | Parivar Par Dohe

by Sandeep Kumar Singh
2 minutes read

हमारे जीवन में परिवार का बहुत महत्त्व होता है। परिवार ही हमारे सुख-दुःख का सच्चा साथी होता है। जब हम कभी परेशानियों से घिर जाते हैं तो हमारा परिवार ही हमारी ताकत बनता है। यूँ तो सारा संसार ही हमारा परिवार है लेकिन उसके लिए हमें जाति-धर्म के बन्धनों से ऊपर उठ कर देखना होगा। ये दोहा संग्रह समर्पित है हमारे उसी परिवार को जिसका हम एक अभिन्न अंग हैं। आइये पढ़ते हैं ” परिवार पर दोहे ” :-

परिवार पर दोहे

परिवार पर दोहे

1.
भेद-भाव ना कीजिए, सब प्रभु के उपहार।
सारा ही संसार ये, है अपना परिवार।।

2.
सुख-दुख मिलकर बांटते, चलते हैं सब साथ।
यही कुटुंब विशेषता, कभी न छोड़े हाथ।।

3.
सारे मानव कर रहे, रिश्तों का व्यापार।
स्वार्थपूर्ण संसार में, अपना बस परिवार।।

4.
छाँव बुजुर्गों के तले, मिलते हैं संस्कार।
दोषमुक्त होते सभी, सुखी रहे परिवार।।

5.
गया विभीषण राम के, पांडव माधव पास।
धर्म बड़ा परिवार से, बतलाता इतिहास।।

6.
गाँव शहर को बढ़ गया, लुप्त हुए संस्कार।
पैसों की इक दौड़ में, बिखर गया परिवार।।

7.
प्रेम भाव से सबी रहें, कर्म करें सब नेक।
मानवता ही धर्म हो, कुल सबका हो एक।

पढ़िए परिवार से संबंधित अन्य रचनाएं :-

” परिवार पर दोहे ” आपको कैसे लगे? अपने विचार अपने पसंदीदा दोहे के साथ कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.