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माँ पर कविता हिंदी में – ममता की ही जीवित प्रतिमा


 माँ पर कविता हिंदी में – ‘ माँ’ कविता में जन्मदात्री माँ के महत्त्व को प्रतिपादित किया गया है। माँ के बिना जीवन संभव नहीं है। माँ  परिवार की आधार होती है। माँ के बिना सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती। माँ के स्नेह और त्याग का संसार में दूसरा उदाहरण मिलना मुश्किल है। माँ, ममता का साकार रूप होती है जो अपनी संतानों के सुख के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देती है। माँ का निःस्वार्थ प्रेम इस दुनिया में सबसे निर्मल और निश्छल होता है। समस्त मानवीय सम्बन्धों का निर्माण माँ के  द्वारा ही होता  है। माँ, धरती पर ईश्वर का ही प्रतिरूप है। माँ की सेवा करने से हमें सच्चे सुख की प्राप्ति होती है। 

माँ पर कविता हिंदी में

माँ पर कविता हिंदी में

ममता की ही जीवित प्रतिमा
इस दुनिया में माँ होती,
भौतिक जग यह इक सीपी – सा
माँ इसका जगमग मोती।

माँ के बिन जीवन लगता है
जैसे उजड़ा हुआ चमन,
माँ ही माली बन करती है
शिशु का पौधे सम पालन।

है माँ ही जो संतानों पर
न्यौछावर सब कुछ करती,
कष्ट सभी हँस – हँसकर सहती
माँ तो है सचमुच धरती।

विश्व – वृक्ष की डाली है माँ
जिसकी सब पर है छाया,
सारे सम्बन्धों की जड़ में
रूप छुपा माँ का पाया।

माँ करुणा की बहती धारा
निश्छलता का है निर्झर,
माँ के निर्मल मन के नभ से
झाँका करता है ईश्वर ।

जिसने माँ – चरणों को पूजा
जीवन उसका गया निखर,
आशीषों से माँ के मिलते
सुख के हैं सर्वोच्च शिखर।

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