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माँ का महत्व पर निबंध :- मातृ दिवस पर निबंध और माँ पर भाषण


दुनिया में एक इंसान का अस्तित्व उसके माँ के कारन ही होता है। भगवान ने इस संसार के पालन-पोषण के सारे अधिकार माँ को दिए हैं। फिर चाहे वह इन्सान हो या जानवर हो। माँ हर रूप में अपने बच्चों को पालती है। एक व्यक्ति की सफलता के पीछे उसके माँ के दिए संस्कार ही होते हैं। और क्या होता है माँ का हमारे जीवन में महत्व आइये जानते हैं “ माँ का महत्व पर निबंध ” :-

माँ का महत्व पर निबंध

माँ का महत्व पर निबंध

माँ की अहमियत क्या है अगर जानना है तो उनसे मिलें जिनकी माँ नहीं है। बिना माँ के जीवन ऐसा है जैसे बिना डोर के पतंग। ऐसी पतंग जो हवा के साथ इधर-उधर उड़ती है और अंत में ऐसा गिरती है कि फिर कभी नहीं उड़ पाती।

भगवान बन माँ हमें जन्म देती है। जन्म के बाद से ही वो हमारी हर जरूरत का ध्यान रखती है। सुबह उठाने के लिए अलार्म घड़ी, घर में कुछ ढूँढने के लिए गूगल, बीमारी में एक डॉक्टर, शिक्षा देती अध्यापिका और बहुत से किरदार निभाती है माँ जिंदगी में। अपने बच्चे के दिल की हर बात बिना कहे ही उसे पता चल जाती है। हमारे अंदर क्या गुण है ये दुनिया के सामने हमें साबित करना पड़ता है। लेकिन माँ इस बात को हमारे जन्म से ही जानती है।

घर में कितनी भी गरीबी हो माँ कभी भी बच्चों को भूखा नहीं सोने देती। बच्चे माँ का दर्द समझें या न समझें माँ हर हालत में अपनी औलाद का भला ही चाहती है। इस स्वार्थी संसार में हर कोई हमारा साथ छोड़ सकता है लेकिन माँ हर परिस्थिति में हमारे साथ रहती है। माँ तो अपनी संतान के सपने पूरे करने के लिए अपनी नींद त्याग देती है और कई अरमानों का गला घोंट देती है।



ईंट और पत्थर से बने मकान को माँ ही घर बनाती है। और जिस घर में माँ का वास हो भगवान का वास भी उसी घर में होता है। सिर्फ इतना ही नहीं माँ के हाथों में भी ऐसा जादू होता है कि दुनिया का हर स्वादिष्ट पकवान उसके बनाये पकवानों के आगे फीके लगते हैं।

इंसान कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए अपनी माँ के लिए वो एक छोटा बच्चा ही रहता है। संसार में जितने भी महापुरुष, साधू-संत और ज्ञानी लोग हुए हैं सबको एक माँ ने ही जन्म दिया है। अध्यापक अगर देश के भविष्य का निर्माण करते हैं तो माँ उस भविष्य के आधार को जन्म देती है।

जब माँ हमसे दूर चली जाती है तो हमें अक्सर उसकी कमी खलती है। उसकी लोरियां याद आती हैं। उसके साये में गुजरा बचपन अकसर ही हमारी आँखें नम कर जाता है। जिन्दगी में हम जब भी कोई मुकाम हासिल करते हैं तो उसका श्रेय सबसे ज्यादा माँ को ही जाता है।

यूँ तो माँ अपना सारा जीवन अपने परिवार के नाम कर देती है। लेकिन फिर भी उसकी मेहनत को वो पहचान नहीं मिल पाती। इसीलिए पूरे विश्व में माँ के महत्व को समर्पित दिवस “ मातृ दिवस ” मनाया जाता है। जो की मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।

अगर कोई इन्सान अपनी माँ को खुश रखता है तो उससे भगवान् भी खुश रहते हैं। हमें कभी भी जीवन देने वाली माँ को दुःख नहीं पहुँचाना चाहिए। माँ भगवान का वो वरदान है जो किस्मत वालों को ही मिलता है। हमें उसके त्याग और परिश्रम को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। बल्कि यह प्रयास करना चाहिए कि माँ सदैव प्रसन्न रहे।


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धन्यवाद।

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