Home » कहानियाँ » शिक्षाप्रद कहानियाँ » झूठ बोलने का परिणाम कहानी :- बंदर और डॉलफिन की शिक्षादायक कहानी

झूठ बोलने का परिणाम कहानी :- बंदर और डॉलफिन की शिक्षादायक कहानी

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

झूठ बोलने वाला अकसर ही किसी न किसी मुसीबत में फंस जाता है। लेकिन उसे यह बात झूठ बोलते समय नहीं समझ आती। बल्कि जब वह झूठ बोलता है या झूठी शेखी बघारता है और परेशानी में पड़ जाता है तब उसे समझ आता है कि उसने कितनी बड़ी गलती कर दी है। इसलिए हमें जीवन में कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। क्योंकि झूठ बोलने का परिणाम कभी भी अच्छा नहीं होता है। ऐसी ही शिक्षा दे रही है हमारी यह “ झूठ बोलने का परिणाम कहानी ”

झूठ बोलने का परिणाम कहानी

झूठ बोलने का परिणाम कहानी

एक बार एक समुद्री जहाज पर कुछ व्यापारी व्यापर करने के लिए किसी दूसरे देश जा रहे थे। एक व्यापारी के साथ उसका पालतू बंदर भी था। वह उस बंदर को हमेशा अपने साथ रखता था। समुद्री यात्रा के दौरान अचानक ही एक बहुत भयंकर तूफ़ान आया।



उस तूफ़ान में जहाज पलट गया और समुद्र में समाने लगा। सभी यात्री डूब रहे थे। बंदर ने भी बचने की सभी उम्मीदें छोड़ दी थीं। वह डूब ही रहा था कि अचानक एक डोल्फिन उसके पास आई और उसे पीठ पर बिठा कर एक द्वीप पर ले गयी।

द्वीप पर पहुँचते ही बंदर डॉलफिन का शुक्रिया अदा करने लगा। डॉलफिन वापस जाने ही वाली थी कि अचानक वापस मुड़ी और बंदर से पूछने लगी,

“क्या तुम इस द्वीप के बारे में जानते हो?”

बंदर ने तुरंत जवाब दिया,

“हाँ बिलकुल! यहाँ का राजा मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। और क्या तुम जानते हो मैं भी एक राजकुमार हूँ?”

इतना सुनने की ही देर थी कि डॉलफिन मुड़ते हुए बोली,

“तो राजकुमार जी अब आप यहाँ के राजा भी बन सकते हैं।”

“क्या मतलब?”

जाते हुए डॉलफिन से बंदर ने हैरान होकर पूछा। जिसका जवाब डॉलफिन ने ये दिया,

“अभी तक इस द्वीप पर कोई नहीं रहता था। अब तुम आ गए हो तो तुम ही यहाँ के राजा हो और साथ में एक झूठे भी। अलविदा।”

इसके साथ ही डॉलफिन समुद्र में कहीं खो गयी और बंदर अपनी किस्मत को कोसने लगा कि जिसने उसकी जान बचाई उसने उसी से झूठ बोला। वह बच तो गया लेकिन अपने मरने तक उस द्वीप पर अकेला ही रहा। उसे झूठ बोलने का परिणाम मिल चुका था।



तो दोस्तों हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। जो कहते हैं कि छोटे-मोटे झूठ तो चलते हैं। तो ये जान लीजिये कि झूठ कभी छोटा-बड़ा नहीं होता। झूठ हमेशा झूठ ही होता है। झूठ के पैर नहीं होते। इसलिए खुद से वादा करें कि हम जिंदगी में कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे।

आपको यह “ झूठ बोलने का परिणाम कहानी ” कैसी लगी? अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.