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आँखों पर कविता – मानव के मुख पर दो नैन | Hindi Poem On Eyes

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

आँखों पर कविता – आँखें हमारे जीवन का आधार होती हैं। इन्हीं से हम संसार को देखते हैं, समझते हैं और जीवन कैसे जीना है यह सीखते हैं। इंसान के दिल का हाल कहने तक की ताकत रखती हैं ये आँखें। आइए पढ़ते हैं इन्हीं आँखों को समर्पित यह कविता ( Hindi Poem On Eyes ) ” मानव के मुख पर दो नैन ” :-

आँखों पर कविता

आंखों पर कविता

कुदरत की अद्भुत है देन
मानव के मुख पर दो नैन,
इनके बिना अंधियारा सा
जैसे हर क्षण रहती रैन।

सकल जगत को सकते देख
इन नैनों के नाम अनेक,
मानव की हैं अलग-अलग
पर इनकी भाषा है एक।

झुक जाते हैं शर्माने पर
उठ जाते आदर पाने पर,
क्रोध जो आए होते लाल
स्वप्न दिखाते सो जाने पर।

सुख-दुख में भर जाते हैं
भाव ये सभी दिखाते हैं,
मानव भले छिपाए किन्तु
नैन सत्य कह जाते हैं।

मुहावरों में दे रहे ज्ञान
इनकी महिमा बड़ी महान
संकेतों में करते बात
समझ न पाएं जिसको कान।

आंखे हैं तो सुंदर संसार है
बिन आँखों के सब बेकार है,
दुनिया को देख जीना सिखाती
हमारे जीवन का यही आधार है।

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( Hindi Poem On Eyes ) ” आँखों पर कविता ” आपको कैसे लगे? अपना पसंदीदा दोहा और विचार कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें।

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धन्यवाद।

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2 comments

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Krishna नवम्बर 11, 2022 - 6:34 अपराह्न

Nice Poem

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Shrawan Kumar baraik जनवरी 14, 2022 - 2:55 पूर्वाह्न

Very nice!

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