कहानियाँ, मोटिवेशनल कहानियाँ, सच्ची कहानियाँ

धीरू भाई अम्बानी के जीवन की एक सच्ची घटना | आगे बढ़ना ही जिंदगी है


धीरू भाई अम्बानी के जीवन की एक सच्ची घटना :- जिंदगी में अक्सर जब भी किसी का बुरा वक़्त आता है तो वह प्रयास करने की जगह बुरे वक़्त के निकलने का इंतज़ार करता है। वो सोचता है कि जब बुरा वक़्त निकल जाएगा तो वह आगे बढ़ेगा। लगभग हर व्यक्ति की यही सोच होती है।

लेकिन जो लोग कुछ अलग सोचते हैं और आगे बढ़ते जाते हैं वो ही अपनी जिंदगी बदलने की क्षमता रखते हैं। ऐसे ही शख्सियत के मालिक थे धीरू भाई अम्बानी। उनके जीवन की एक घटना से उनकी महान सोच के बारे में हमें जानने को मिलता है। क्या थी वो घटना आइये जानते हैं ‘ धीरू भाई अम्बानी के जीवन की एक सच्ची घटना ‘ से :-

धीरू भाई अम्बानी के जीवन की एक सच्ची घटना

धीरू भाई अम्बानी के जीवन की एक सच्ची घटना

बात तब की है जब एक बार धीरू भाई अम्बानी को जरूरी मीटिंग के लिए कहीं जाना था। वो अपनी कार में बैठे और ड्राईवर ने कार चलानी शुरू की। कार अभी कुछ ही दूर पहुंची थी कि अचानक तेज हवा चलनी शुरू हो गयी। हवा का रुख तेज होता जा रहा था। जब ड्राईवर को लगा कि हवा एक तूफान में बदल सकती है तो उसने कहा,

” सर मुझे लगता है बहुत बड़ा तुफान आने वाला है। इससे पहले इसमें फंस जाएँ हमें वापस मुड़ जाना चाहिए। “

इस बात को सुन धीरू भाई अम्बानी ने कहा,

” नहीं, हमें पीछे नहीं जाना। तुम आगे गाड़ी चलाते रहो।”

अभी वो लोग कुछ दूर और गए होंगे की एक भयंकर तुफान आने लगा। पेड़-पौधों को देख ऐसा लग रहा था जैसे अभी उखड जायेंगे। यह सब देख ड्राईवर न इ एक बार फिर हिम्मत कर के धीरू भाई अम्बानी से कहा,

“सर, आंधी बहुत तेज हो गयी है। आप कहें तो गाड़ी रोक लें?”

“नहीं, तुम बस गाड़ी चलते रहो।”

ड्राईवर को कुछ समझ नहीं आ रहा था। मालिक के सामने वह और कोई सवाल भी नहीं कर सकता था। इसी कशमकश में में वह गाड़ी चलाये जा रहा था। थोड़ा ही रास्ता तय करने पर बदल जोर-जोर से गरजने लगे। उन्होंने देखा की बहुत से लोग सुरक्षित जगह देखा कर अपनी गाड़ियां लेकर खड़े हो गए हैं। एक बार फिर मौका देखते हुए ड्राईवर बोला,

“सर, मौसम बहुत ख़राब हो रहा है। सब लोग रुक गए हैं हमें भी रुक जाना चाहिए।”

और कोई होता तो शायद ड्राईवर को बुरा भला कहता लेकिन धीरू भाई अम्बानी ने बस इतना ही कहा,

“नहीं, रुकना नहीं है। आगे बढ़ते चलो।”



थोड़ी ही देर में बरसात शुरू हो गयी। बरसात इतनी तेज थी की सामने कुछ भी साफ-साफ़ नजर नहीं आ रहा था। तब एक बार फिर ड्राईवर ने कहा,

” सर, कुछ साफ़ नजर नहीं आ रहा। हमें रुक जाना चाहिए।”

पर इस बार भी जवाब यो नहीं आया इज्सकी ड्राईवर अपेक्षा कर रहा था।

“नहीं, तुम ध्यान से गाड़ी चलाओ। हमें रुकना नहीं है।

ड्राईवर धीरे-धीरे गाड़ी आगे बढ़ता रहा। कुछ किलोमीटर जाने के बाद मौसम में कुछ बदलाव आया। बारिश रुक गयी और बदल छंट गए। आसमान में सूरज चमकने लगा। ऐसा लग रहा था मानो कुछ हुआ ही न हो। तभी अचानक धीरू भाई अम्बानी बोले,

“अब तुम गाड़ी रोक सकते हो।”

ड्राईवर इस बात को सुन हैरान हो गया,

“किसलिए सर?”

“अब जब तुम गाडी से बहार निकलोगे तो देखोगे कि कुछ देर पहले जो लोग हमसे आगे थे वो पीछे रह गए हैं। वो उसी तुफान में अभी भी फंसे होंगे। और इसी कारन वो हमसे पीछे रह गए हैं। तुफान डर से उसमें फंसे होने के कारन वो हमें नजर नहीं आ रहे हैं।”

अब बात ड्राईवर की समः में आ गयी थी। उसने कोई सवाल नहीं किया और गाड़ी चलता हुआ आगे बढ़ गया।

दोस्तों इसी तरह हमारे जीवन में भी दुःख, परेशानियां, मुसीबतें आदि आती रहती हैं। हमें इनके जाने का इन्त्ज्जार न करने की बजाये इनका सामना कर इनसे आगे निकलने की कोशिश करनी चाहिए। नहीं तो हम इन्हीं सब में फंस कर अपने अनमोल जीवन को बेकार में ही गँवा देंगे। अगर हम इन सब का सामना कर के आगे बढ़ जाते हैं तो निश्चित ही हम अपने जीवन में कुछ बड़ा प्राप्त कर लेंगे।

धीरू भाई अम्बानी का जीवन इस बात का प्रमाण है। अगर वो अपने जीवन में अपनी समस्याओं से ही लड़ते रहते तो आज वो भी गुमनामियों के अंधेरों में होते। इसी तरह अगर आपको भी अपने जीवन के स्तर को ऊँचा करना है तो बढ़ते रहिये। आगे बढ़ते जायेंगे तो रास्ता अपने आप मिलता जाएगा। बस आप कदम बढ़ाते रहिये।

आपको ‘ धीरू भाई अम्बानी के जीवन की एक सच्ची घटना ‘ कैसी लगी हमें अवश्य बताएं।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग पर कुछ और प्रेरक सच्ची घटनाएं :-

धन्यवाद।

17 Comments

  1. संदीप जी ऐसा नही कि यह कहानी हमने पहली बार पढ़ा है , लेकिन मैं इस कहानी को जिनती बार भी पढ़ता हूँ हर बार अपने शरी में एक नई ऊर्जा महसूस करता हूँ |

    लेकिन आपके लिखने का तरिका बहुत ही शानदार है |
    धन्यवाद

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *