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भारत पर पहला विदेशी आक्रमण | Bharat Par Pehla Aakraman Kisne Kiya Tha


Bharat Par Pehla Aakraman Kisne Kiya Tha – आज तक मैं समझता था कि भारत पर पहला विदेशी आक्रमण सिकंदर ने किया था। हो सकता है आप लोगों में से भी कई लोगों ने ऐसा ही सुना हो। लेकिन ये बात तब गलत सिद्ध हो गयी जब मेरे जाने में ये आया कि भारत पर सिकंदर से पहले ही दो लोगों ने हमला किया था। कौन थे वो लोग और कहाँ हुए थे वो हमले आइये जानते हैं इस लेख भारत पर पहला विदेशी आक्रमण में :-

Bharat Par Pehla Aakraman Kisne Kiya Tha
भारत पर पहला विदेशी आक्रमण

भारत पर पहला विदेशी आक्रमण

भारत पर पहला विदेशी आक्रमण करने वाले शासक इरान से थे। जी हाँ इनका सम्बन्ध हख़ामनी वंश से था। आइये पहले जान लेते हैं हख़ामनीसाम्राज्य के बारे में।



हख़ामनी साम्राज्य ( 550–330 ई.पू. )

हख़ामनी साम्राज्य के संस्थापक सायरस प्रथम थे। हख़ामनीसाम्राज्य को पहला फारसी साम्राज्य भी कहा जाता है। यह साम्राज्य पूरे पश्चिमी एशिया में फैला हुआ था। उस समय भारत का सिंध प्रान्त भी इसी साम्राज्य का एक हिस्सा था। पुराने इतिहास में ये सबसे बड़ा साम्राज्य था। जोकि 5.5 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ था।

जब हख़ामनी साम्राज्य अपने चरम पर था तब यह पश्मिम में यूनान से लेकर पूर्व में सिंधु नदी तक और उत्तर में कैस्पियन सागर से लेकर दक्षिण में अरब सागर तक एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था।

पहला असफल आक्रमण

भारत पर पहला हमला सायरस ने 550 ई.पू. में किया था। हालाँकि ये उस समय का सबसे ताकतवर राजा था लेकिन फिर भी भारत पर उसका यह आक्रमण सफल नहीं रहा। सायरस ने अपना साम्राज्य अफगानिस्तान के हिन्दुकुश तक फैलाया हुआ था। आज के समय में अफगानिस्तान भारत का हिस्सा नहीं है इसलिए हो सकता है कि इस हमले को भारत के साथ जोड़कर न देखा जाता हो।

सायरस
सायरस

वैसे सायरस की मौत भी के पीछे भी एक रोचक कहानी है। हेरोडोटस जिन्हें इतिहास का पिता भी कहते हैं, उनके लिखे इतिहास के अनुसार जब सायरस अपनी विजय पताका हर तरफ फहरा रहा था तब मेसागेटे पहुंचा और वहां की महारानी तोमरिस को विवाह का प्रस्ताव भेजा। जिसे मेसागेटे की महारानी ने ठुकरा दिया।

इस बात को न पसंद करते हुए सायरस ने मेसगेटे में अवैध निर्माण कर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया। ये देख कर मेसागेटे की रानी तोमरिस ने सायरस को रोकते हुए युद्ध करने के लिए ललकारा। फिर जब युद्ध हुआ तो अपने आप को कमजोर पाते हुए सायरस अपने बहादुर लोगों को लेकर वहाँ से भाग निकला और उसके कमजोर साथी वहीं रह गए।

लेकिन जंग के मैदान से भागना यूँ आसान नहीं था। मेसागेटे की महारानी के तीसरे बेटे और सेना के सेनापति ने सायरस को पकड़ कर मार डाला।



दूसरा सफल आक्रमण

भारत पर दूसरा और सफल आक्रमण करने वाला था डेरियस प्रथम जिसे दारा प्रथम के नाम से भी जाना जाता है। डेरियस प्रथम का परदादा सायरस का चाचा था। तो ये सवाल उठाना भी लाजमी है कि अगर डेरियस प्रथम सायरस का खून नहीं था तो उसे रजा कैसे बनाया गया।

सायरस के पुत्र किन्हीं कारणों से मरते गए और जब साम्राज्य सँभालने वाला कोई न बचा तो सभी ने मिल कर डेरियस को राजा बनाना उचित समझा। ऐसा नहीं था कि उसे मजबूरी में राजा बनाया गया था। उसमें भी वो सरे गुण थे जो एक महान रजा में होने चाहिए। यही कारण था कि डेरियस प्रथम के शासन में हख़ामनी साम्राज्य का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ।

डेरियस प्रथम
डेरियस प्रथम

डेरियस प्रथम ने 516 ई.पू. मध्य एशिया पर आक्रमण किया। जिसमें अफगानिस्तान और तक्षशिला जो की आज पाकिस्तान में मौजूद है। तब ये भारत का एक अभिन्न अंग थे। उसके बाद डेरियस प्रथम ने अपने नाविक स्काईलक्स को सिन्धु नदी से लेकर अरब महासागर के बीच का रास्ता ढूँढने के लिए भेजा और खुद सिन्धु नदी के आस-पास के इलाके पर विजय प्राप्त की।

हख़ामनी साम्राज्य का अंत

550 ई.पू. से लेकर 330 ई.पू. तक एक बहुत बड़े साम्राज्य पर शासन करने के बाद हख़ामनी वंश के अंतिम और कमजोर शासक डेरियस तृतीय के राज्य तक भारत का सिंध प्रान्त उनके 20 प्रान्तों में से एक था।

330 ई.पू. में जब सिकंदर महान ने भारत पर हमला किया तो उस से पहले उसका सामना डेरियस तृतीय से हुआ। इस जंग में हारने के बाद डेरियस तृतीय अपने पुत्र खशायर्श (क्ज़ेरेक्सेस) के साथ वहां से भाग गया। कुछ दिन अपने पिता के साथ बिताने के बाद खशायर्श (क्ज़ेरेक्सेस) ने अपनी पिता को मार दिया और उसकी लाश को सिकंदर के सामने उपहार स्वरुप ले गया। इस उम्मीद में कि शायद सिकंदर उसे बख्श दे लेकिन सिकंदर महान ने ऐसा कुछ नहीं किया और उसे भी मौत की सजा दे दी। इसके साथ ही हख़ामनी वंश का अंत हो गया।

आशा करते हैं कि ‘ भारत पर पहला विदेशी आक्रमण ‘ इस लेख में आपको वो जानकारी मिली होगी जो शायद आपने अब तक न पढ़ी हो।

इसी तरह की और रोचक जानकारियां पढ़ने के लिए पढ़ते रहिये अप्रतिमब्लॉग। अगर आप भी पाना चाहते हैं किसी विषय पर रोचक जानकारी तो हमें अवश्य बताएं। हम अपना पूरा प्रयास करेंगे कि आप तक वो जानकारी पहुँचाई जाए।



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धन्यवाद।

15 Comments

  1. Megasthneas aur Niryarkas batate h ki Sairas kabhi Bharat par Aakarman kiya hi nahi. Aur Hakhamani wans ke sansthapak Kurush tha jo JEDROSIA ke registan ke raste bharat aaya tha. Lekin use asafalta hath laga. Dusri bar Kurush ke utradhikari Daraywahu ( derius 1 ) ko safalta mili thi. Aur ye dono Iranian the.
    Matlab Bharat par pahla Aakarman IRANI kiya tha

    1. अंकित जी उस सायरस ने आक्रमण राजा पर नहीं रानी पर किया था। मेसागेटे की रानी तोमरिस पर। इसी युद्ध में वह मारा गया था। आशा है आपको उत्तर मिल गया होगा। धन्यवाद।

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