यादों पर कविताएँतो आपने हमारे ब्लॉग पर पढ़ी ही हैं। इस बार याद पर कविता भेजी है हमारे पाठक हरीश चमोली जी ने। इस ब्लॉग पर उनकी एक कविता पहले प्रकाशित हो चुकी है। तो आइये पढ़ते हैं उनकी ये दर्द भरी कविता याद में :-
दर्द भरी कविता याद में
सूखे पत्तों की आहट से , मुझे याद तेरी आती है.
मन चंचल चित उपवन में, इक महक सी छा जाती है,
मेरे दिल की गहराई से पूछो, तुम्हें पाने की हसरत कितनी है
कितना है तुमसे प्यार मुझे, जीने के लिए साँसें जरूरी जितनी हैं,
नहीं रहा जाता अब तुम बिन , जान मेरी अब जाती है
तुम जल्दी से आ जाओ ना, मेरी धड़कन तुम्हें बुलाती है।
तुम थी तो लगता था, जैसे सब कुछ है पास में मेरे.
इक अलग ही बेकरारी रहती थी अकसर इंतज़ार में तेरे,
घडी की सुइयां भागती थी, जब मेरे तू पास होती थी
अब तो ये सुइयां भी बिन तेरे आगे न बढ़ पाती हैं,
नहीं रहा जाता अब तुम बिन , जान मेरी अब जाती है
तुम जल्दी से आ जाओ ना, मेरी धड़कन तुम्हें बुलाती है।
दिखे कोई प्रेमी जोड़ा तो, मुझे तुम्हारी याद आ जाती है
तुम्हारी हर इक याद पुरानी, फिर ताज़ी हो जाती है,
तेरी मेरी प्रेम कहानी फिर गीत वही तब गाती है
दिल की इस सुनी बगिया में, इक हलचल सी मच जाती है,
नहीं रहा जाता अब तुम बिन , जान मेरी अब जाती है
जल्दी से आ जाओ ना तुम, मेरी धड़कन तुम्हें बुलाती है।
हर वक़्त उद्दास रहता है अब, मन चंचल और चित्त ये मेरा.
जाने से तेरे मेरी दुनिया से, हताश हुआ है व्यक्तित्व मेरा,
न जीने की अब कोई चाहत है , न तन में जान ही बाकी है
इस भीड़ भरी दुनिया में अब , कोई न मेरा साथी है,
नहीं रहा जाता अब तुम बिन , जान मेरी अब जाती है
जल्दी से आ जाओ ना तुम, मेरी धड़कन तुम्हें बुलाती है।
अब तो अतीत के पन्नो में, मैं हर दम खोया रहता हूँ
तेरे सपनों की दुनिया में, मैं हर दम सोया रहता हूँ,
आ जाओ वापस तुम, घर आँगन मेरा महका दो
करेंगे एक शुरुआत नई, तुम बस मुझको एक मौका दो,
नहीं रहा जाता अब तुम बिन , जान मेरी अब जाती है
जल्दी से आ जाओ ना तुम, मेरी धड़कन तुम्हें बुलाती है।
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मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।
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धन्यवाद।
आप सभी की प्रतिक्रियाओं के लिए बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद। ऐसे ही आशीर्वाद बनाएं रखें।
हरीश चमोली
Sir kharach khup chan
Me Maharashtra in ahe Mala hidi yet nahi pan he kawitA wachun I'm proud to my artistic
Fantastic
समझ में तो कुछ नहीं आया जगदीश जी लेकिनं फिर भी अच्छा लगा पढ़कर…
दिल को छु लेने वाली पंक्तियाँ धन्य हो आप
आप की कविता के बारे में मैं जितना भी काहू कम पड़ेगा, आप की ओर कविताओ का मुझे इंतज़ार रहेगा
Bohot acchi shayari hai… Dil chhu liya yr isne toh.
waah bahut khoob hai Harish chamoli G
nahi raha jata ab tum bin jaan meri jati hai
jaldi aajao tum jaan dhadkan mri bulati hai
kya khoob hai
बहुत अच्छी कविता है पढ़कर आनन्द आ गया