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ईंधन संरक्षण पर निबंध
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यह सोचकर ही हम सहम जाते हैं कि अगर एक दिन ईंधन अचानक खत्म हो जाये तो फिर क्या होगा? इन ईंधनों का उपयोग हम सब रोजाना उर्जा के स्त्रोत के रूप में मशीनों, परिवहन के साधनों, खाना पकाने एवं कल-कारखानों में करते हैं। आज हम मुख्यत: ‘जीवाश्म ईंधन’ पर आश्रित हैं और इसी जीवाश्म ईंधन का एक रूप है हमारे घरों में उपयोग होने वाली ‘रसोई गैस’ यानी ‘एलपीजी’. इस प्राकृतिक सम्पदा को हम जितना अधिक खर्च करेंगे, यह विश्व से उतनी हीं तेजी से घटती जायेगी। क्योंकि हम इसका पुन: उत्पादन नहीं कर सकते हैं, इसीलिये इसे ‘अपूर्य उर्जा स्त्रोत’ भी कहते हैं।
ईंधन के उत्पादन के लिये अत्यधिक निवेश की जरूरत पड़ती है, साथ हीं समय और उर्जा भी खर्च होती है। इन सभी कारणों से इसकी कीमत भी हर साल बढ़ती जा रही है। ईंधन की खपत में कमी लाने के लिये विश्व भर में प्रयास चल रहे हैं। अत: हमें इन ईंधनों की फिजूल-खर्ची को रोकनी चाहिये। कुछ ऐसे उपाय किये जाने चाहिये या तौर-तरीकों का इस्तेमाल करनी चाहिए जिससे कि ईंधन की खपत में कमी की जा सके।
इस दिशा में महिलाओं की सक्रिय भागेदारी भी बहुत जरूरी है। गृहिणी को जागरूक कर हम रसोई गैस की बचत कर ईंधन संरक्षण कर सकते हैं । जरुरत इस बात की है कि हम कुछ आवश्यक बातों का ख्याल रखें जिससे गैस की बचत हो सकें और राष्ट्र और विश्व के कल्याण में अपना छोटा-सा ही पर एक अहम योगदान करें। आईये, हम इन जरूरी बातों पर गौर करें जिसको अमल में लाकर ईंधन की बचत कर सकते हैं :-
◆ खाना प्रेशर कुकर में हीं बनायें, खासकर वे चीजें जिसे पकाने में या गलाने में अत्यधिक समय लगती है, जैसे- दाल, मांस इत्यादि। प्रेशर कुकर के साथ मिलने वाली बुकलेट में दिये गये पकाने के समय के अनुसार हीं चीजें पकायें। इससे भोजन ज्यादा पक कर उसकी पौष्टिकता नष्ट नहीं होगी और उसके स्वाद भी बरकरार रहेंगे। समय तथा गैस की भी बचत होगी सो अलग से।
◆ घर के सभी सदस्य यथा-संभव एक साथ खायें, इससे आपको खाना बार-बार गर्म नहीं करने पड़ेंगे। साथ हीं इससे घर के सदस्यों के बीच आपसी प्यार और सौहार्द भी बढ़ेंगे।
◆ दाल, राजमा, छोले इत्यादि जैसे देर से पकने वाले सामान को उबालने से पूर्व कुछ देर भिगों लें तो यह जल्दी पकेगी व गैस की भी बचत होगी। आप चावल के साथ भी कुछ ऐसा हीं कर सकते हैं, चावल के पैकेट में आप देखिये इसके लिये सोकिंग यानि भिगोने के समय दिये रहते हैं।
◆ जब भी आप गैस पर दूध गर्म करें, आप दूध उबलने तक किचेन में हीं गैस-स्टोव के पास रहें। दूध की मात्रा से अधिक क्षमता वाले बरतन का इस्तेमाल करें। इससे दूध उबलकर तुरंत बाहर नहीं आयेंगे। यह आपके दूध को बर्बाद होने से रोकेगा साथ हीं आग लगने जैसी घटना से भी बची जा सकती है।
◆ अगर आप किचन में खाना बना रही है और कोई दरवाजे पर दस्तक दे तो आप किचन छोड़कर दरवाजा खोलने जाने से पूर्व गैस को बंद कर दें या गैस की लौ को धीमी कर लें।
◆ दलिया, सूजी या फिर सेवई एक साथ महीने भर के लिये भूनकर रख सकती हैं, इससे गैस के साथ-साथ समय की भी बचत होगी। इसके साथ हीं उन सामानों में कीड़े भी नहीं लगेंगे।
◆ खाना बनाते समय यह ख्याल रखें कि गैस की लौ बर्तन के बाहर न निकल रहा हो। बर्तन से बाहर निकलने वाली लौ व्यर्थ जायेगी, जिससे बर्तन जलने के अलावा खाना पकने में भी अधिक समय लगेगी। कम आंच या ताव पर पके भोजन में अपना एक स्वाद होता है, इसके पौष्टिक तत्व बरकरार रहते हैं और गैस की खपत भी कम होती है।
◆ जब आप कड़ाही में कोई चीज तलते हैं, जैसे- पकौड़े, समोसे या पापड़ तो जरूरत से ज्यादा बड़े बर्तन या अधिक तेल का इस्तेमाल न करें। एक बार जब तेल गर्म हो जाये तो गैस को कम कर दें या फिर जरूरत के अनुसार बंद कर दें। अगर आप दस-बारह पकौड़े या दो-तीन पापड़ तलने के लिये बड़े बर्तन या फिर अधिक तेल लेते हैं तो यह आपके गैस की बर्बादी होगी। साथ हीं एक हीं तेल का बार-बार उपयोग करने से या गर्म करने से उसकी पौष्टिकता नष्ट होने के साथ-साथ यह तेल नुकसानदेह भी हो जाते हैं।
◆ खाना बनाने के लिये गैस जलाने से पूर्व हीं सारी जरूरत के कार्यों को कर लें, जैसे- सब्जी को छीलना, काटना, धोना, दाल या चावल चुनना और मसालों को पीसना। इन सब बातों के अलावा जरूरत की सारी चीजों को एक जगह जमा कर लें। इससे होगा यह कि आप गैस को चालू कर के इन सारे कार्यों में व्यस्त नहीं रहेंगे। इससे आपके गैस की भी बचत होगी।
◆ समय-समय पर गैस-स्टोव के बर्नर की साफ-सफाई भी करते रहें जिससे उसकी लौ (फ्लेम) ठीक से निकलती रहे इससे खाना जल्दी पकेंगे और गैस की बर्बादी भी नहीं होगी। खाना बनाने के बाद गैस सिलिंडर के रेगुलेटर को बंद करना न भूलें, जिससे कहीं कोई लिकेज होकर गैस बर्बाद न हों और साथ हीं किसी प्रकार की दुर्घटना का भी डर न रहे।
अगर आप इन सब छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो यकीन मानिये यह आपके लिये, देश के लिये और सम्पूर्ण विश्व के लिये एक बड़ी बचत होगी। तो फिर पक्का ! अगली बार आप जब भी किचन में जायें इन सब बातों का ध्यान अवश्य रखें।
‘ ईंधन संरक्षण पर निबंध ‘ ( Fuel Conservation In Hindi ) के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
धन्यवाद।
1 comment
Aapki di gyi jankari kafi sarhniye mere hisab yeh nibandh sabhi ko padna chahiye khaskar 2 number wala point sabse important hai.