Home » रोचक जानकारियां » संस्कृत भाषा का महत्व | Sanskrit Bhasha Ka Mahatva | Importance Of Sanskrit

संस्कृत भाषा का महत्व | Sanskrit Bhasha Ka Mahatva | Importance Of Sanskrit

by Sandeep Kumar Singh
9 minutes read

Sanskrit Bhasha Ka Mahatva | संस्कृत भाषा का महत्व – जानकारी हासिल करना मनुष्य का जन्म से ही स्वभाव रहा है। यही कारन है कि आज हमारे सामने इतने आविष्कार हो चुके हैं की हमारा जीवन बहुत सरलता से निकल रहा है। लेकिन किसी भी कार्य के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज होती है – भाषा।

बिना भाषा के हमारा कोई भी किया कार्य हम दूसरे को नहीं बता सकते। आज दुनिया भर में लगभग 6900 भाषाओं का प्रयोग किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की इन भाषाओं की जननी कौन है? नहीं? कोई बात नहीं आज हम आपको दुनिया की सबसे पुरानी भाषा के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं। दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है :- संस्कृत भाषा । आइये जानते है संस्कृत भाषा का महत्व :-

Sanskrit Bhasha Ka Mahatva
संस्कृत भाषा का महत्व

संस्कृत भाषा का महत्व | Sanskrit Bhasha Ka Mahatva

संस्कृत (संस्कृतम्) भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। इस भाषा के वर्ण(letters) ऋषि मुनियों द्वारा गहरे ध्यान के बाद इस दुनिया को प्राप्त हुए। यह दुनिया की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है।

संस्कृत में हिन्दू धर्म से सम्बंधित लगभग सभी धर्मग्रन्थ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन धर्म के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिन्दू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं।

संस्कृत को विश्व की अन्य भाषाओं की जननी माना जाता है। दुनिया भर में सिर्फ संस्कृत ही एक ऐसी भाषा है जो पूरी तरह सटीक(accurate) है। इसका कारण हैं इसकी सर्वाधिक शुद्धता। कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए भी संस्कृत को ही सबसे उपयुक्त भाषा माना जाता है(फ़ोर्ब्स पत्रिका जुलाई 1987 की एक रिपोर्ट में)। लेकिन फिर भी इसे कंप्यूटर के लिए प्रयोग नहीं किया जाता।

इतना ही नहीं देश और दुनिया की तरक्की और सभ्याचार में संस्कृत भाषा का महत्व महत्वपूर्ण योगदान है। आज के समय में संस्कृत की हालत बहुत दयनीय है। लेकिन आज हम कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जिस से हर भारतीय का सीना गर्व से फूल जाएगा। आइये जानते हैं संस्कृत के बारे में कुछ रोचक बातें:-



संस्कृत के बारे में रोचक तथ्य

1. मात्र 3,000 वर्ष पूर्व तक भारत में संस्कृत बोली जाती थी तभी तो ईसा से 500 वर्ष पूर्व पाणिणी ने दुनिया का पहला व्याकरण ग्रंथ लिखा था, जो संस्कृत का था। इसका नाम ‘अष्टाध्यायी’ है।

2. संस्कृत, विश्व की सबसे पुरानी पुस्तक (ऋग्वेद) की भाषा है। इसलिये इसे विश्व की प्रथम भाषा मानने में कहीं किसी संशय की संभावना नहीं है।

3. इसकी सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता के कारण सर्वश्रेष्ठता भी स्वयं सिद्ध है।

4. संस्कृत ही एक मात्र साधन हैं जो क्रमशः अंगुलियों एवं जीभ को लचीला बनाते हैं।

5. संस्कृत अध्ययन करने वाले छात्रों को गणित, विज्ञान एवं अन्य भाषाएँ ग्रहण करने में सहायता मिलती है।

6. संस्कृत केवल एक मात्र भाषा नहीं है अपितु संस्कृत एक विचार है संस्कृत एक संस्कृति है एक संस्कार है संस्कृत में विश्व का कल्याण है शांति है सहयोग है वसुदैव कुटुम्बकम् कि भावना है।

7. नासा का कहना है की 6th और 7th generation super computers संस्कृत भाषा पर आधारित होंगे।

8. संस्कृत विद्वानों के अनुसार सौर परिवार के प्रमुख सूर्य के एक ओर से 9 रश्मियां(Beams of light) निकलती हैं और ये चारों ओर से अलग-अलग निकलती हैं। इस तरह कुल 36 रश्मियां हो गईं। इन 36 रश्मियों के ध्वनियों पर संस्कृत के 36 स्वर बने।

9. कहा जाता है कि अरबी भाषा को कंठ से और अंग्रेजी को केवल होंठों से ही बोला जाता है किंतु संस्कृत में वर्णमाला को स्वरों की आवाज के आधार पर कवर्ग, चवर्ग, टवर्ग, तवर्ग, पवर्ग, अंतःस्थ और ऊष्म वर्गों में बांटा गया है।

10. संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक राज्य(official state) भाषा है।

11. अरब आक्रमण से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रभाषा थी।

12. कर्नाटक के मट्टुर(Mattur) गाँव में आज भी लोग संस्कृत में ही बोलते हैं।

13. जर्मनी के 14 विश्वविद्यालय लोगों की भारी मांग पर संस्कृत (Sanskrit) की शिक्षा उपलब्ध करवा रहे हैं लेकिन आपूर्ति से ज्यादा मांग होने के कारन वहाँ की सरकार संस्कृत (Sanskrit) सीखने वालों को उचित शिक्षण व्यवस्था नहीं दे पा रही है।

14. हिन्दू युनिवर्सिटी के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला मनुष्य बीपी, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल आदि रोग से मुक्त हो जाएगा।

15. संस्कृत में बात करने से मानव शरीर का तंत्रिका तंत्र सक्रिय रहता है। जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश के साथ सक्रिय हो जाता है।

16. यूनेस्को(UNESCO) ने भी मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की अपनी सूची में संस्कृत वैदिक जाप को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। यूनेस्को(UNESCO) ने माना है कि संस्कृत भाषा में वैदिक जप मानव मन, शरीर और आत्मा पर गहरा प्रभाव पड़ता है।



17. शोध से पाया गया है कि संस्कृत (Sanskrit) पढ़ने से स्मरण शक्ति(याददाश्त) बढ़ती है।

18. संस्कृत वाक्यों में शब्दों की किसी भी क्रम में रखा जा सकता है। इससे अर्थ का अनर्थ होने की बहुत कम या कोई भी सम्भावना नहीं होती। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सभी शब्द विभक्ति और वचन के अनुसार होते हैं। जैसे- अहं गृहं गच्छामि >या गच्छामि गृहं अहं दोनों ही ठीक हैं।

19. नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रैवलर्स को मैसेज भेजते थे तो उनके वाक्य उलट हो जाते थे। इस वजह से मैसेज का अर्थ ही बदल जाता था। उन्होंने कई भाषाओं का प्रयोग किया लेकिन हर बार यही समस्या आई। आखिर में उन्होंने संस्कृत में मैसेज भेजा क्योंकि संस्कृत के वाक्य उलटे हो जाने पर भी अपना अर्थ नहीं बदलते हैं। जैसा के ऊपर बताया गया है।

20. संस्कृत भाषा में किसी भी शब्द के समानार्थी शब्दों की संख्या सर्वाधिक है.  जैसे हाथी शब्द के लिए संस्कृत में १०० से अधिक समानार्थी शब्द हैं।

ढ़िए अप्रतिम ब्लॉग पर कुछ और रोचक जानकारियां :-

ये हमारी एक छोटी सी कोशिश थी आप सबको संस्कृत व अपनी संस्कृति से जोड़ने की। हमें उम्मीद है की संस्कृत के बारे में पढ़ कर आपको अपनी इस भाषा पर गर्व जरूर हुआ होगा। आइये इस जानकारी को ( Sanskrit Bhasha Ka Mahatva ) दूसरों तक पहुँचाए और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। इसी के साथ अपने अनमोल विचार कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें ताकि हम प्रेरित होकर ऐसे विषयों पर और अधिक लिख सकें

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें :-

apratimkavya logo

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

9 comments

Avatar
Anil katara सितम्बर 18, 2022 - 2:20 पूर्वाह्न

संस्कृत विषय भाषा को लेकर इच्छा जनक हूं पर इस पर कोई ध्यान नही देने से में नही संस्कृत को अच्छी तरह से समझ नही पाया हूं
हुबहू संस्कृत महाविद्यालय मैं भी कोई अध्यापक पढ़ाने मैं रुची लेता है ना ही कोई यूनिवर्सिटी वाले ध्यान देते ।
उसी की कारण से आज संस्कृत भाषा विलुप्त के कगार पर हैं
(अध्यक्ष) छात्र नेता – अनिल कटारा
राजकीय महाराणा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय चंदपोल उदयपुर 2022

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 19, 2022 - 7:14 अपराह्न

बिल्कुल सही बात काही है आपने अनिल जी।

Reply
Avatar
Piyush Chandra नवम्बर 3, 2020 - 8:00 पूर्वाह्न

Bahut Acha tha…mere Sanskrit ke speech me mujhe content mil gya..very very thank you

Reply
Avatar
Deepak अगस्त 20, 2019 - 2:14 अपराह्न

Thanks today is my GK paper

Reply
Avatar
Keshav जून 9, 2019 - 10:13 पूर्वाह्न

It help me a lot.vaise to Mai use apna Holiday homework Pura Karne kai liye kar Raha tha par abb Mene use samja aur Mera interest Sanskrit me aur baadh Gaya.
Thanks you sir.

Reply
Avatar
Poonam panchal मार्च 31, 2019 - 2:47 अपराह्न

Very nice hme bhi apne school mai es par adhik dhyan Dena cahiye but esa nahi hota aaj bhi school mai English language par he jyada dhyan Diya jata hai

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 2, 2019 - 1:19 पूर्वाह्न

धन्यवाद। बिलकुल सही बात कही आपने पूनम जी।

Reply
Avatar
URVASHI जनवरी 19, 2019 - 3:06 अपराह्न

I NEED SOME NOTES ON SANSKRIT SHIKSHAN KE MAHETAV ( IMPORTANCE).
SANSKRIT SHIKSHAN HETU GATIVIDHIAN.
VARTMAN (PRESENT) SAMAY ME SANSKRIT KI BHUMIKA.

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 21, 2019 - 8:02 अपराह्न

उर्वशी जी इसके लिए आपको किसी संस्कृत के जानकर से संपर्क करना चाहिए….आप प्रयास कीजिये….

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.