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हिंदी कविता – कोई तो बता दो | Hindi Poem – Koi To Bata Do

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता – कोई तो बता दो ।

हिंदी कविता – कोई तो बता दो

हिंदी कविता - कोई तो बता दो

न जाने कब से भटक रहा हूँ, कोई तकदीर बता दो।
मुझे मंजिल  पर पहुंचना है, कोई राहगीर बता दो।
खुदा को देखने की चाहत है, कोई पीर बता दो।
ख्वाहिशों को बाँधना है मुझे, कोई जंजीर बता दो।
खुशगवार हो जाए जिंदगी, कोई तदबीर बता दो।
जो जोड़ती हो दो दिलों को, कोई लकीर बता दो।

जानना है दर्द दिल का मुझे, कोई दिलगीर बता दो।
भटकता न हो मन जिसका, कोई धीर बता दो।
ढंक सके जो हर बुराई को, कोई चीर बता दो।
बुझा सके प्यास इच्छाओं की, कोई नीर बता दो।
सारे जहां में लूट न सके जो, कोई जागीर बता दो।
बिना स्वार्थ हाल पूछ ले, कोई खबरगीर बता दो।

कर दे मदद बेवजह मेरी, कोई नसीर बता दो।
बांट सके जो खुशियां लोगों में, कोई अमीर बता दो।
बिक न सके जो कभी, कोई ज़मीर बता दो।
सुनने हैं चंद लफ्ज़ खुशी के, कोई बशीर बता दो।
ढूंढता हूँ खुद में कुछ खास, कोई तासीर बता दो।
क्यों नहीं मिलता सुकून, कोई तकसीर बता दो।
क्यों नहीं मिलता सुकून, कोई तकसीर बता दो।


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2 comments

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pooja दिसम्बर 4, 2017 - 6:24 अपराह्न

Very nice poem

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 6, 2017 - 2:11 अपराह्न

धन्यवाद पूजा जी।

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