Home » कहानियाँ » मोटिवेशनल कहानियाँ » नकारात्मक सोच से छुटकारा पाने की महात्मा गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी

नकारात्मक सोच से छुटकारा पाने की महात्मा गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी

by Sandeep Kumar Singh
6 minutes read

ध्यान के दौरान मन को नकारात्मक विचारों से कैसे बचाएं? अक्सर ऐसे सवाल हमारे मन में आ ही जाते हैं। क्योंकि किसी नए काम को आरंभ करने में पुराने काम की आदतें नहीं जाती इसलिए ध्यान लगाने के दौरान नकारात्मक विचारों का आना स्वाभाविक है। कैसे पाया जाए नकारात्मक सोच से छुटकारा ?

तो इसका सीधा और साधारण उत्तर है समर्पण। समर्पण, कैसे करें और किस चीज का करें? जी हाँ आपको समर्पण करना है अपने सोचने की शक्ति का। महात्मा गौतम बुद्ध के जीवन से एक घटना को आपके सामने रखने जा रहा हूँ। जिससे आपको ध्यान के दौरान नकारात्मक सोच से छुटकारा पाने के रस्ते का ज्ञान हो जाएगा।

नकारात्मक सोच से छुटकारा

नकारात्मक सोच से छुटकारा

एक बार महात्मा बुद्ध अपने कुछ शिष्यों के साथ दोपहर के समय एक जंगल के रस्ते जा रहे थे। जंगल में कुछ दूर पहुँच कर महात्मा गौतम बुद्ध को प्यास लगी। उन्होंने अपने एक शिष्य आनद से कहा कि उन्हें प्यास लगी है। उस जगह से एक मील पीछे एक नदी है। जो उन्होंने आते समय देखी थी। आनंद को उन्होंने वह जाकर पानी लाने को कहा।

एक मील की दूरी तय कर के आनंद जब उस नदी के पास पहुंचा तो देखता है कि उस नदी का पानी गन्दा था। शायद उस नदी को किसी बड़े दल ने सवारी सहित पार किया था। जब आनंद ने देखा की पानी सा नहीं है और इसे ले आना उचित नहीं है तो वह वापस वहीं आ गया जहाँ गौतम बुद्ध उसका इंतजार कर रहे थे।

आनंद ने गौतम बद्ध के समक्ष सारी स्थिति रखी और कहा की हम आगे चल कर किसी दूसरी नदी से अथवा किसी अन्य स्त्रोत से पानी पी लेंगे। पर महात्मा बुद्ध ने यह बात न मानी और कहा की उन्हें उसी नदी का पानी पीना है। इसलिए वह दुबारा जाए और उसी नदी का पानी लेकर आये।

आनंद इस बात से बहुत हैरान हुआ कि महात्मा बुद्ध को उसी नदी का पानी क्यों पीना है? लेकिन महात्मा बुद्ध के आगे वह कोई प्रश्न नहीं उठा सकता था।

आनंद फिर से उस नदी की तरफ चला गया। जब वह वहां पहुंचा तब उसने देखा कि नदी का पानी पहले से थोडा साफ़ हो गया था। धूल के साथ नीचे से उठे पत्ते, कीचड़ और कई और चीजें धीरे-धीरे नीचे बैठ रही थीं। बाकी की गंदगी पीछे से आने वाला पानी अपने साथ बहा कर ले जा रहा था।

आनंद सब धीरे-धीरे देख रहा था। वह वहां कुछ देर बैठा। देखते ही देखते नदी का पानी एकदम स्वच्छ हो गया तो आनंद ने पीने के लिए पानी भरा और वापस महात्मा बुद्ध के पास जा पहुंचा।

पानी लेकर पहुँचने पर सब ने पानी पिया। तब महात्मा बुद्ध ने आनंद से पुछा,

“तुम तो कह रहे थे कि पानी पीने के लायक नहीं है। तो फिर या पानी इतना स्वच्छ कैसे?”

“भगवन वह तो पहली बार में गन्दा ही था। बाद में साफ़ हो गया।”

“तो तुमने पानी सा कैसे किया? क्या तुम पानी में से गंदगी को हटाने लगे? या फिर तुमने पानी में जाकर गन्दगी से लडाई की? ऐसा क्या किया तुमने कि पानी साफ़ हो गया।”

“भगवन क्या मजाक कर रहे हैं। मैंने कुछ भी न किया। जब मैं दोबारा गया तो पानी थोड़ा साफ़ हो चुका था। कुछ क्षण बैठ कर प्रतीक्षा की। उसके बाद पानी एकदम स्वच्छ हो गया।”

“यही तुम्हारी शिक्षा है आनंद इसे ग्रहण करो। पानी की तरह तुम्हारा मन भी होता। जो आज तुम उस नदी के साथ कर के आये हो। वही अपने मन के साथ करो। अगर तुम मन में आये नकारात्मक विचारों के साथ छेद-छाड़ करोगे तो वे सदा ही तुम्हारे मन में बने रहेंगे और तुम्हें गलत कामों की तरफ बढ़ाते रहेंगे।

अगर नकारात्मक विचारों के प्रति अपने मन को शांत रखोगे तो वे विचार अपने आप चले जाएँगे। ये विचार भी मन रूपी नदी की तरह है। अगर इसमें गलत विचारों के कीचड़ सामने आते हैं तो उनकी उपेक्षा करो। उन पर अपना ध्यान केन्द्रित मत करो। नकारात्मक विचार अपने आप चले जाएंगे।”

आनंद अब तक सब समझ चुका था। इसके बाद कुछ देर विश्राम कर के वे सब फिर से आगे बढ़ने लगने।

मित्रों इसी तरह हम भी जब अपने अहम् को त्याग कर बुरे विचारों से दूरी बनाएँगे तो अच्छे विचार अपने आप हम तक पहुँच जाएँगे। अन्वाश्यक और नकारात्मक विचारों से छुटकारा पाने का यही सबसे सरल और सुखद माध्यम है।

पढ़िए :- भावनाओं का महत्त्व | महात्मा गौतम बुद्ध और श्री राम और शबरी की कहानी

आपको यह कहानी नकारात्मक सोच से छुटकारा कैसी लगी और आपने इस कहानी से क्या शिक्षा ली हमें और अन्य पाठकों को अवश्य बताएं। नकारात्मक विचारों के प्रति यदि आपके मन में कोई सवाल हो तो हमें ईमेल करें। हम आपकी सहायता करने की पूरी कोशिश करेंगे।

पढ़िए जीवन में शांति प्राप्त करने और खुद को बेहतर बनाने वाले लेख व रचनाएं :-

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.