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आइज़क न्यूटन की कहानी – एक महान वैज्ञानिक का जीवन परिचय

by Sandeep Kumar Singh
9 minutes read

आइज़क न्यूटन की कहानी

4 जनवरी 1643 को धरती पर एक ऐसे अद्भुत व्यक्ति का जन्म हुआ जिसने विज्ञान की परिभाषा को एक नया रूप दिया। विज्ञान के ऐसे तथ्य प्रस्तुत किये जो आज तक चल रहे हैं। एक सेब के गिरने को लेकर उन्होंने ऐसी बातें सामने रखीं जिससे दुनिया अब तक अनजान थी। मुझे उम्मीद है आप सबको उनका नाम पता चल ही गया होगा। जी हाँ हम बात कर रहे हैं :- आइज़क न्यूटन की।

आइज़क न्यूटन की कहानी

Portrait of Newton in 1689 by Godfrey Kneller

उनके पिता जोकि एक समृद्ध किसान थे, की मृत्यु के तीन माह बाद उनका जन्म हुआ हुआ। उनका नाम भी आइज़क न्यूटन था। निश्चित समय से पहले पैदा होने वाला वह एक छोटा बालक था; उनकी माता हन्ना ऐस्क्फ़(Hannah Ayscough) के अनुसार वह इतना छोटा था कि एक चौथाई गैलन जैसे छोटे से मग में समा सकता था।

न्यूटन की मां ने रेवरंड बर्नाबुस स्मिथ (Reverend Barnabas Smith) के साथ दूसरी शादी कर ली और उन्हीं के साथ रहने चली गयीं। अपने 3 वर्षीय पुत्र को अपनी नानी मर्गेरी ऐस्क्फ़(Margery Ayscough) के पास देखभाल के लिए छोड दिया। आइज़क न्यूटन अपनी माँ के दुबारा शादी करने के कारण ना अपने पिता को पसंद करता था न ही अपनी माँ को।

किंग्स स्कूल, ग्रान्थम(King’s School, Grantham)में उन्होंने बारह वर्ष से सत्रह वर्ष की आयु तक शिक्षा प्राप्त की। बचपन में वह पढ़ाई में कुछ खास अच्छे नहीं थे। एक बार स्कूल में एक लड़के ने न्यूटन को पीटा मगर न्यूटन जब गुस्से में आ गए तो उस लड़के को भाग के अपनी जान बचानी पड़ी। फिर 1659 में जब उन्हें स्कूल से निकाला गया तो वे अपनी माँ के पास आ गए। जो दूसरी बार विधवा हो चुकी थी।

उनकी माँ ने जीविका चलाने के लिए न्यूटन को खेती करने के लिए कहा। वह खेती से नफरत करते थे। इसलिए उन्होंने खेती नहीं की।  किंग्स स्कूल के मास्टर हेनरी स्टोक्स (Henry Stokes) ने आइज़क न्यूटन में एक प्रतिभा देखते हुए उनकी मां से उन्हें फिर से स्कूल भेजने का सुझाव दिया। जिससे  वे अपनी शिक्षा को पूरा कर सकें। वहां स्कूल में एक लड़का उन्हें बार-बार नीचा दिखता था और मंदबुद्धि कहकर चिढ़ाता था। उससे बदला लेने की इच्छा से प्रेरित होने की वजह से वो पढ़ने लगे और अपनी प्रतिभा से स्कूल के सबसे मेधावी छात्र बनकर उभरे।

⇒पढ़िए- 5 हुनरमंद लोगो की कहानी – हुनर किसी कमजोरी का गुलाम नही होता

अपने अंकल रेव विलियम एस्क्फ (Rev William Ayscough)के कहने पर जून 1661 में उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज(Trinity College, Cambridge) में अध्ययन के लिए प्रवेश लिया। पढ़ाई की फीस भरने और खाना खाने के लिए आइज़क न्यूटन कॉलेज में एक कर्मचारी की तरह काम भी करते थे। उस समय कॉलेज की शिक्षाएं अरस्तु पर आधारित थीं। लेकिन न्यूटन अधिक आधुनिक दार्शनिकों(modern philosophers) के विचारों को पढ़ना चाहते थे।

1664 में इनकी प्रतिभा के कारण एक स्कॉलरशिप की व्यवस्था कॉलेज की तरफ से हो गयी, जिसकी मदद से न्यूटन अब आगे की पढ़ाई कर सकते थे। उस समय विज्ञान बहुत आगे नहीं था। फिर यहीं रहकर न्यूटन ने प्रसिद्ध “केप्लर के नियम” पढ़े।

पढ़िए- हुनर की पहचान – जिलियन लिन की प्रेरक कहानी हिंदी में

1665 में उन्होंने सामान्यीकृत द्विपद प्रमेय(Binomial Theorem) की खोज की और एक गणितीय सिद्धान्त(Mathematical concept) विकसित करना शुरू किया जो बाद में अत्यल्प कलन(Calculous) के नाम से जाना गया। न्यूटन ने इसकी जानकारी काफी समय बाद दी। इसक कारण उन्होंने ये बताया की उन्हें डर था कि न्यूटन ने कहा कि वे अपने अत्यल्प कलन(Calculous)  को प्रकाशित कर कहीं उपहास के पात्र न बन जाएँ।

न्यूटन इस तथ्य पर रिसर्च कर रहे थे कि धरती सुर्य के ईर्द-गिर्द गोल नहीं बल्कि अंड़ाकार घुमती है। ऐसी और भी कई बातों पर रिसर्च चल ही रही थी कि अचानक अगस्त 1665 में जैसे ही न्यूटन ने अपनी डिग्री प्राप्त की। उसके ठीक बाद प्लेग की भीषण महामारी पूरे शहर में फ़ैल गयी। बीमारी के भीषण रूप धारण कर लेने पर बचाव के रूप में विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया।

घर जाने से पहले वे एक सेब के पेड़ के नीचे बैठे सोच रहे थे कि अब क्या किया जाये। तभी उनके सिर पर एक सेब आ गिरा। पहले से परेशान न्यूटन के दिमाग में ये बात आई कि ये सेब मेरे ऊपर ही क्यों गिरा इधर-उधर क्यों नहीं गिरा या फिर ऊपर क्यों नहीं गया। इंसान होता तो पूछ भी लेते लेकिन एक पेड़ क्या जवाब देता। फिर न्यूटन ने इस सवाल का जवाब खुद ही खोजने की ठान ली। बहुत सालों तक न्यूटन इस पर रिसर्च करते रहे और सबको ये बताया कि पृथ्वी में गुरुत्वाकर्षण बल(Gravity) नाम की एक शक्ति है।

जो हर चीज़ को अपनी ओर खींचती है और इसी बल के कारण चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है और पृथ्वी सूर्य का। आइज़क न्यूटन ने बताया कि ये बल(Force) दूरी बढ़ने के साथ साथ घटता जाता है। गुरुत्वाकर्षण बल को पृथ्वी के केंद्र में माना जाता है, इसीलिए पृथ्वी हर चीज़ को सीधा अपनी ओर खींचती है। पृथ्वी किसी वस्तु को कितनी शक्ति से खींचेगी इसका मान(Value) उस वस्तु के द्रव्यमान(Mass) पर निर्भर करता है।

इसके आलावा आइज़क न्यूटन ने “भार”(Weight) और “द्रव्यमान”(Mass) के अंतर को भी समझाया। साथ ही साथ प्रकाश के क्षेत्र में काम करते हुए न्यूटन ने बताया कि सफ़ेद प्रकाश दरअसल कई रंगों के प्रकाश का मिश्रण होता है।

साईकिल से लेकर हवाई जहाज बनाने तक में जिन नियमों का पालन होता है, गति के वो 3 नियम आइज़क न्यूटन ने ही दिए थे। ये आज भौतिक विज्ञान(Physics) में बहुत ही ज्यादा प्रयोग किये जाते हैं या यूँ कह सकते हैं की भौतिक विज्ञान(Physics) इन्हीं नियमों पर बना है।

⇒पढ़िए- एकाग्रता की शक्ति – C V Raman Ke Bachpan Ki Ek Ghatna

ये माना जाता है कि न्यूटन ने आजीवन विवाह नहीं किया था। 20 मार्च 1727 को लन्दन शहर में न्यूटन की सोते समय मृत्यु हो गयी थी। उन्हें वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया था। न्यूटन, जिनके कोई बच्चे नहीं थे, उनके अंतिम वर्षों में उनके रिश्तदारों ने उनकी अधिकांश संपत्ति पर अधिकार कर लिया और निर्वसीयत ही उनकी मृत्यु हो गई।

न्यूटन अपने वैज्ञानिक कामों में इतने रम चुके थे की उनकी मृत्यु के बाद, उनके शरीर में भारी मात्रा में पारा पाया जाना, जो शायद उनके रासायनिक व्यवसाय का परिणाम था। पारे की विषाक्तता न्यूटन के अंतिम जीवन में उनके सनकीपन को स्पष्ट करती है।

फ्रेंच गणितज्ञ जोसेफ लुईस लाग्रेंज अक्सर कहते थे कि न्यूटन महानतम प्रतिभाशाली था और एक बार उन्होंने कहा कि वह “सबसे ज्यादा भाग्यशाली भी था क्योंकि हम दुनिया की प्रणाली को एक से ज्यादा बार स्थापित नहीं कर सकते.” अंग्रेजी कवि अलेक्जेंडर पोप ने न्यूटन की उपलब्धियों के द्वारा प्रभावित होकर प्रसिद्ध स्मृति-लेख लिखा:

Nature and nature’s laws lay hid in night;God said “Let Newton be” and all was light.

न्यूटन ने पूरे विश्व के सामने ये उदाहरण पेश की कि किस प्रकार मन में किसी कार्य को पूरा करने की जिद्द इंसान को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है। दुनिया को दिए गए अपने अनमोल योगदान के कारण ही सन 2005 में हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वे ने न्यूटन को सर्वाधिक लोकप्रिय वैज्ञानिक ठहराया है। ऐसे महान वैज्ञानिक को हमारा कोटि-कोटि प्रणाम।

*पाठको के अनुरोध पर, आइज़क न्यूटन की जीवनी पर किताब :

पढ़िए महान शख्सियतों के बारे में :-

आपको आइज़क न्यूटन की ये जानकारी कैसी लगी। कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आशा करते हैं की इस जानकारी को पढ़ कर आप भी अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कर्तव्यबद्ध हो जाएंगे।

धन्यवाद।


References:

*Image credit- Portrait of Newton in 1689 by Godfrey Kneller.

आपके लिए खास:

61 comments

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Satendra SINGH जनवरी 30, 2021 - 7:41 अपराह्न

So help full information and motivational. I salute sir newton.

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 31, 2021 - 8:59 अपराह्न

Thank You Satendra Singh ji….

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Anand singh दिसम्बर 20, 2022 - 8:08 पूर्वाह्न

Heart touching story of the sir I.J.
Newtown

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Imran khan फ़रवरी 5, 2020 - 7:15 अपराह्न

Nice rule of Newton sir

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Salauddin khan मई 19, 2019 - 10:44 पूर्वाह्न

Good information of scientist ijek newton.

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Vikash prajapati मार्च 18, 2019 - 1:18 अपराह्न

Nice book

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 21, 2019 - 10:33 अपराह्न

Thanks Vikash ji…

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Abhishek verma फ़रवरी 19, 2019 - 9:59 पूर्वाह्न

Thanks so much sir. This is enough information for knowing about newton

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Mayank Dubey अक्टूबर 16, 2018 - 6:27 अपराह्न

Bahoot accha tha iski vjh se mera projet ban kya thank you

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 16, 2018 - 8:21 अपराह्न

आपका भी धन्यवाद मयंक दूबे जी।

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Anuj yadav सितम्बर 28, 2018 - 11:14 पूर्वाह्न

Bahut hi achhi shikh mili sir

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Nandu सितम्बर 12, 2018 - 11:26 पूर्वाह्न

Very very good story

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 16, 2018 - 11:34 पूर्वाह्न

Thanks Nandu ji….

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AADI जुलाई 11, 2018 - 7:34 अपराह्न

GOOD STORIES

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 15, 2018 - 10:40 पूर्वाह्न

Thanks Aadi..

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Sunil Kumar sah मई 4, 2018 - 10:38 अपराह्न

बहौत आछा है । आप क्रिपया एसे विज्ञानिक के बारेमे post करते रहे ।

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Ashutosh Kumar फ़रवरी 14, 2018 - 5:10 अपराह्न

अच्छा है और अधिक जानकारी दीजिए

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh फ़रवरी 15, 2018 - 8:53 पूर्वाह्न

और क्या जानकारी चाहिए आपको आशुतोष कुमार जी?

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vishnu kale फ़रवरी 8, 2018 - 11:26 पूर्वाह्न

sir aise book ka name batavo jisa mai newton puri kahani ho

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Chandan Bais
Chandan Bais फ़रवरी 8, 2018 - 12:15 अपराह्न

विष्णु जी, हमने हिंदी और अंग्रेजी दोनों किताबो का लिंक ऊपर इस पोस्ट के अंत में डाल दिए है।

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vishnu kale फ़रवरी 8, 2018 - 11:22 पूर्वाह्न

sir kahani acchi hai lekin newton ki jivan ghatha chahiye sir padhane ke liye

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Vishal Pandey जनवरी 9, 2018 - 5:45 अपराह्न

Thank you so much sir I think Isaac Newton sir was a great human personality no one like as Newton sir again thank you sir for this great story..

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 9, 2018 - 5:58 अपराह्न

बिल्कुल सही कहा आपने विशाल पांडेय जी।

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Satayprakash gautam दिसम्बर 25, 2017 - 9:56 अपराह्न

Hum Sir Newton k bare mein bahut jyada padte h kyonki inke kalpnik khoj se duniya ka bikash huaa h Sir Newton bahut mahan th

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gyaan नवम्बर 25, 2017 - 4:27 अपराह्न

आपके लेख बहुत ही दिलचस्प अंदाज में आते है में भी एक ब्लॉगर हु साथ ही एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर हु मेरा सपना है ऐसा एक ब्लॉग बनाने का जिसमे देश विदेश की सभी भाषाओ को एक सिंगल प्लेटफॉर्म पर इस तरह पिरोने का जो बिना अमीर गरीब में फर्क किये सब को एक समान उपयोगी हो कृपया इस काम में मेरा सहयोग करे ब्लॉग का नाम है <a href="https://lifeclasses4u.blogspot.in">लाइफ क्लासेज फॉर यू </a>

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vikash अक्टूबर 23, 2017 - 11:30 अपराह्न

hme Sr Isaac ki Jivani achha laga

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 24, 2017 - 3:20 अपराह्न

धन्यवाद Vikash जी….

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ranjan kumar अक्टूबर 18, 2017 - 7:22 पूर्वाह्न

न्यूटन के कारण ही हमारे जीवन मे भौतिकी का अभ्यास
बढ़ा है

Nivtan is a very great man

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 18, 2017 - 7:05 अपराह्न

Absolutely right Ranjan kumar ji…

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akash अक्टूबर 7, 2017 - 9:16 अपराह्न

their knowledge is like a candle

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 8, 2017 - 10:18 पूर्वाह्न

You said it right Akash.

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azad kumar सितम्बर 25, 2017 - 10:02 अपराह्न

Bahut achha hai sir
I like it

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 26, 2017 - 10:25 पूर्वाह्न

Thanks Azad Kumar ji…

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Rakesh अगस्त 27, 2017 - 5:44 अपराह्न

Newton histry was motivation to our life .

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 29, 2017 - 12:18 अपराह्न

Yes it is Mr. Rakesh

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Dipak.monu अगस्त 22, 2017 - 3:12 अपराह्न

Very nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 23, 2017 - 1:07 अपराह्न

Thanks Dipak.monu ji…

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Dadu ram जुलाई 22, 2017 - 6:34 पूर्वाह्न

Prernadayak

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Jay जुलाई 17, 2017 - 7:49 अपराह्न

kaise kiye hoge ye sab I mean kha aur without any help
mango gira tha ya apple
waise great scientist I love him and this website also.

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 17, 2017 - 10:35 अपराह्न

Suna to apple hi tha…..Lekin saboot kisi ke paas nhi hai…..Khair koi baat nhi bachho ka syllabus to badh ho gaya na…..

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कमलेश जून 22, 2017 - 5:59 अपराह्न

बहुत ही प्रेरणादायी है

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 23, 2017 - 6:54 अपराह्न

सही बात कही आपने कमलेश जी।

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Vk saini जून 22, 2017 - 5:45 अपराह्न

Nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 23, 2017 - 6:53 अपराह्न

Thanks Vk saini ji….

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rahish kumar जून 17, 2017 - 12:05 अपराह्न

Bhoot achha

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AMIT KUMAR अप्रैल 23, 2017 - 9:41 पूर्वाह्न

भारतीय वैज्ञानिक न्यूटन का जीवनी पडकर बहुत अच्छा लगा

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 24, 2017 - 2:10 अपराह्न

Amit Kumar जी न्यूटन भइया इंग्लैंड से थे और भारतीय न्यूटन अभी खोजा जाना बाकी है। वैसे अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद। इसी तरह हमारे साथ बने रहें।

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Ajeet kumar अप्रैल 14, 2017 - 3:38 अपराह्न

Very nice newton life…

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 14, 2017 - 5:15 अपराह्न

Thanks Ajeet Kumar ji. …….

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kumar vinayak maurya अप्रैल 9, 2017 - 12:31 अपराह्न

very nice newton's life

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 11, 2017 - 8:03 अपराह्न

Yes it is Kumar vinayak Maurya…

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phudan Kumar मार्च 22, 2017 - 4:32 अपराह्न

Bhahut achha hai

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 22, 2017 - 6:16 अपराह्न

धन्यवाद Phudan Kumar जी….

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ranjeet rathor जनवरी 28, 2017 - 6:56 पूर्वाह्न

Mind blowing

Childhood ,hindi quotes

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 28, 2017 - 8:31 पूर्वाह्न

Thank you very much ranjeet rathore ji…..

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shivam जुलाई 24, 2016 - 7:15 पूर्वाह्न

Very well

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Mr. Genius
Mr. Genius जुलाई 25, 2016 - 5:18 अपराह्न

Thanks Shivam

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Dev Gupta जुलाई 7, 2016 - 8:19 पूर्वाह्न

Bhdiya tha

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Mr. Genius
Mr. Genius जुलाई 7, 2016 - 11:15 पूर्वाह्न

Thanks Dev Gupta.

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जमशेद आज़मी जून 11, 2016 - 11:57 अपराह्न

सर आइजैैक न्‍यूटन की जीवनी पढ़कर बहुत अच्‍छा लगा। बहुत ही प्रेरणादायी जीवनी है।

Reply
Mr. Genius
Mr. Genius जून 12, 2016 - 4:08 अपराह्न

सही बात कही आपने सर

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