Home » कहानियाँ » सच्ची कहानियाँ » मुनिबा मज़ारी की कहानी :- आयरन लेडी ऑफ पाकिस्तान की प्रेरक कहानी

मुनिबा मज़ारी की कहानी :- आयरन लेडी ऑफ पाकिस्तान की प्रेरक कहानी

by Sandeep Kumar Singh
6 minutes read

हमारे साथ जीवन में कभी कुछ भी गलत नहीं हो सकता। कुछ गलत होता है तो बस हमारा नजरिया। हम हलात को जैसा देखते हैं वैसी ही हमारी जिन्दगी हो जाती है। सोच की ऐसी ही शक्ति को अपना कर अपने जीवन की मुसीबतों से लड़कर हम अपने जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है। अगर आपको ये मुश्किल लगता है या ये सब बस कहने भर की बातें हैं तो आइये पढ़ते हैं एक ऐसी ही औरत की कहानी मुनिबा मज़ारी की कहानी जिसने इसे सच कर दिखाया :-

मुनिबा मज़ारी की कहानी

मुनिबा मज़ारी की कहानी

वो खुद को एक मोटिवेशनल स्पीकर कम और कहानी सुनाने वाली कहलाना ज्यादा पसंद करती हैं। उनका कहना है की समस्याएँ बड़ी नहीं होती इन्सान खुद को छोटा समझने लगते हैं। नाम मुनिबा मजारी। जन्मस्थान पाकिस्तान। ये पाकिस्तान की आयरन लेडी के नाम से जाने जाती हैं। इन्हें ऐसे ही आयरन लेडी नहीं कहा जाता। इसके पीछे बहुत दर्दनाक कहानी है। हमारी जिन्दगी में कई घटनायें होती हैं जिसमें से कोई एक बड़ी घटना हमारी जिन्दगी बदल कर रख देती है। ऐसा ही कुछ हुआ मुनिबा मज़ारी के साथ।


पढ़िए :-  दो गुब्बारे – कहानी इन्सान की मानसिकता की


वो एक ऐसे परिवार में पली थीं जहाँ बेटियाँ अपनी मर्जी से सारे काम नहीं कर सकती थीं। न ही वे किसी काम के लिए मना कर सकती थीं। ऐसे में 18 साल की उम्र में मुनिबा मज़ारी के पिता ने उनकी शादी कर दी। यहाँ तक तो ठीक था लेकिन शादी के 2 साल बाद ही उनका एक कार एक्सीडेंट हो गया। जिसमें उनके पति तो बच गए लेकिन उनकों काफी चोटें आयीं। हाथ और कमर की हड्डियाँ टूट गयीं। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।

दुर्घटना ऐसी जगह पर हुयी थी जहां से अस्पताल तीन घंटे की दूरी पर था। जल्दबाजी में उन्हें दूसरी गाड़ी में जब उनको अस्पताल ले के जाया जा रहा था। तभी उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि उनका आधा शरीर टूट चुका है और आधे शरीर ने काम करना बंद कर दिया है। उसके बाद उन्हें अस्पताल में ढाई महीने रखा गया जहाँ उन्हें कई सर्जरी से गुजरना पड़ा।

डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनका हाथ टूट गया है इसलिए वो अब कभी कुछ पकड़ नहीं पाएंगी, रीढ़ की हड्डी टूट जाने के कारन न ही वो अब चल नहीं पाएंगी और न ही कभी माँ बन पाएंगी। ऐसे में वो पूरी तरह टूट जाती अगर उनके पास उनकी माँ न होती। हर इंसा नके जीवन में उसका एक हीरो होता है। मुनिबा मज़ारी के लिए  वो हीरो उनकी माँ थीं। जब भी अपनी माँ से पूछती कि जब वो चल नहीं सकती। कुछ कर नहीं सकती तो फिर जीने का क्या फ़ायदा? इस सवाल के जवाब में उनकी माँ अक्सर उनसे ये कहती,

“ये समय भी बीत जायेगा। अगर भगवान् ने तुम्हें जिन्दगी दी है तो जरूर तुम्हारे लिए कुछ बड़ा सोचा होगा।”


पढ़िए :- अरुणिमा सिन्हा माउंट एवेरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली विलांग महिला की कहानी


यही शब्द थे जो मुनिबा को हिम्मत दिया करते थे। ढाई महीने बाद जब मुनिबा को घर लाया गया तो वहाँ भी उन्हें 2 साल तक बिस्तर पर रहना पड़ा। इस दौरान वो अपने मन की भावनाओं को ब्रश के जरिये कैनवास पर पेंटिंग बना कर उतारने लगीं। सबके लिए वो बस एक पेंटिंग थी लेकिन मुनिबा मज़ारी को ही पता था कि वो उनकी वो भावनाएं हैं जो सबके सामने व्यक्त नहीं की जा सकती।

इसके बाद जब 2 साल बाद उनको बिस्तर से व्हीलचेयर पर आने का मौका मिला तो उन्होंने खुद को संभाला। उन्होंने अपने सामने आने वाली सारी मुश्किलों से लड़ने के लिए खुद को तैयार किया। इसके बाद उन्होंने अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बनायीं और इस तरह जीवन की दौड़ में आगे बढीं कि आज कोई भी चीज उनके रस्ते में रूकावट नहीं बन सकती। उनका ये मानना है कि अधूरापन और कमजोरी शरीर में नहीं मन में होती है।

इन्हीं विचारों के कारन ही आज वो व्हीलचेयर पर होने के बावजूद एक सामाजिक कार्यकर्ता, मोटिवेशनल स्पीकर, कलाकार, गायक और टीवी होस्ट हैं। वो युएन वीमेन पाकिस्तान ( UN Women Pakistan ) की राष्ट्रीय राजदूत भी हैं। 2015 में बीबीसी द्वारा 100 प्रेरणादायक महिलाओं की सूची में जगह दी जा चुकी है।

मुनिबा मज़ारी की कहानी एक मिसाल हैं उन लोगों के लिए जो अपने पास कुछ न होने का रोना-रोते रहते हैं। इन्सान के अन्दर यदि दृढ इच्छा हो तो हालत कैसे भी हों वो अपने सपनों को पर लगा कर आसमान की सैर कर ही लेता है। आज मुनिबा किसी दूसरे की सहायता की मोहताज नहीं है। वो अपनी जिन्दगी अपने हिसाब से जी रही हैं।


पढ़िए :- आईएएस किंजल सिंह – असल जिंदगी की नायिका


तो ये थी मुनिबा मज़ारी की कहानी जिस से ये सीखने को मिलता है कि जिन्दगी जब आपके साथ कुछ अलग करती है तो वो आपको कुछ अलग करने का मौका देती है। अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप उस मौके का फ़ायदा उठाते हैं या अपनी परेशानियों का रोना रोते हैं।

पढ़िए जिंदगी से लड़ कर सफलता पाने वालों की प्रेरणादायक कहानियां :-

धन्यवाद।

Image Source

आपके लिए खास:

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.