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हिंदी शायरी संग्रह by Sandeep Kumar Singh- 3

by Sandeep Kumar Singh
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एक बार फिर पेश है संदीप कुमार सिंह की हिंदी शायरी संग्रह भाग – 3, पढ़े ये बेहतरीन शायरियों का संग्रह।

हिंदी शायरी संग्रह भाग – 3

हिंदी शायरी संग्रह by Sandeep Kumar Singh- 3

सहारा | Sahara

हसीन चेहरों को रोते हुए देखा है,
बुरे वक्त में किस्मत को सोते हुए देखा है।
बच कर रहना इस दुनिया के दिखावे से
ए दोस्त
जरूरत पड़ने पर मैंने
सहारा खोते हुए देखा है।


करिश्मा कुदरत का | Karishma Kudarat Ka

इल्म न था मुझे कि मेरे हलात बिगड़ जाएगें।
आँसुओं में लिपट कर मेरे ज़ज्बात बिखर जाएगें।
इबादत है मेरी कि खुश रहें मुझे बर्बाद करने वाले
हम तो करिश्मा हैं कुदरत का जितना टूटे उतना निखर जाएगें।


नया आगाज़ | Naya Aagaj

चलो खामियों को दूर कर एक नई शुरुआत करते हैं,
बनाते हैं किसी को अपना और प्यारी सी मुलाकात करते हैं।
बहुत हुआ इस दुनिया का रोना धोना यारों
चलो आज उदास जिंदगी में खुशियों का आगाज़ करते हैं।


बदलाव | Badalaw

जिन पर भरोसा था हमें
वो शख्स बदल रहे हैं
गौर करो,वक्त आ गया है
हुनर खुद का दिखाने का,
बदल दो दुनिया और
शुरू एक खुशनुमा दौर करो।


बेवफा जिंदगी | Bewafa Zindagi

बड़ी देर से इन्तजार कर रहा था मैं उसका,
और उसने मुझे अँधेरे की तरफ मोड़ दिया,
उम्मीद बची थी तो बस जिंदगी से लेकिन
मौत क्या आई जिंदगी ने साथ छोड़ दिया।


इंसानियत | Insaniyat

जानवरों से सीखते हैं मिलजुल कर रहना,
इंसान तो अभी मजहबों में मशरूफ हैं,
ना जाने क्यों बाँट रखा है धर्म के नाम पर
और कहते हैं सब खुदा का रूप हैं।


माता पिता | Mata Pita

पिता जो ताप सूरज का है
तो माँ चाँद की शीतल छाया है,
वो रोशन जीवन करता ह
और ये देती ममता की माया है।


अधूरी ख्वाहिश | Adhuri Khwahish Shayari

इक मुद्दत से मुराद थी मेरी कि मेरी इक ख्वाहिश पूरी हो,
खुश रहूँ मैं जिंदगी भर हर गम से मेरी दूरी हो,
अफसोस कि हर पल जिंदगी का बढ़ता जाता है
तेरी यादों का साया घूम घूम कर आता है,
बयां नहीं कर पाता हूँ दर्द ए दिल तुझसे मैं
हो सकता है  तेरे लिए कोई और जरुरी हो।


गिरेबान | Gireban

मेरी उड़ानों में जो हमसफ़र बनने की चाहत रखते हैं,
काश उन्होंने ने मुझे तूफानों में ढाँका होता,
एक शब्द भी ना मिलता उपदेश देने को
जो उन्होंने ने अपने गिरेबान में झाँका होता।


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