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भारत के राज्य | भारतीय राज्यों के नाम उनके अर्थ सहित | States Of India

by Sandeep Kumar Singh
14 minutes read

भारत के राज्यभारत एक बहुत ही विशाल देश है और शायद एकमात्र ऐसा देश है जहाँ नाम को बहुत महत्वता दी जाती है। यही एक ऐसा देश है जहाँ छोटी से छोटी चीज के नाम को समझने की कोशिश की जाती है। इसी श्रेणी में भारत के राज्य भी आते हैं। आप लोगों के सामने हम अपने राष्ट्रीय गान “जन-गण-मन” के शाब्दिक अर्थ लेकर आये थे। उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए इस बार हम भारतीय राज्यों के पुराने नाम व उनके अर्थ लेकर आये हैं। आइये जानते हैं अद्भुत भारत के राज्य के नामों के अर्थ :-

भारत के राज्य

भारत के राज्य | भारतीय राज्यों के नाम

( प्रदेश का अर्थ है स्थान )

1. आंध्र प्रदेश :-

भारत के राज्य आँध्रप्रदेश में आंध्र एक जाति का नाम है। ऋग्वेद की कथा के अनुसार ऋषि विश्वामित्र के शाप से उनके 50 पुत्र आंध्र, पुलिंद और शबर हो गए। संभवतः आंध्र जाति के लोग आर्य क्षत्रिय थे।

2. अरुणाचल प्रदेश :-

भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश। अरुणाचल का अर्थ हिन्दी में “उगते सूर्य का पर्वत” है (अरूण+अंचल)।

3. असम :-

सामान्य रूप से माना जाता है कि असम नाम संस्कृत से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ है, वो भूमि जो समतल नहीं है। कुछ लोगों की मान्यता है कि “आसाम” संस्कृत के शब्द “अस्म ” अथवा “असमा”, जिसका अर्थ असमान है का अपभ्रंश है। कुछ विद्वानों का मानना है कि ‘असम’ शब्द संस्कृत के ‘असोमा’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है अनुपम अथवा अद्वितीय।

4. बिहार :-

बिहार नाम का प्रादुर्भाव संभवतः बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुआ है जिसे विहार के स्थान पर इसके विकृत रूप बिहार से संबोधित किया जाता है।

5. छत्तीसगढ़

भारत के राज्य छत्तीसगढ़। इसका पुराना नाम ‘दक्षिण कौशल’ था जो छत्तीस गढ़ों को अपने में समाहित रखने के कारण “छत्तीसगढ़” हो गया।

6. गोवा :-

महाभारत में गोवा का उल्लेख गोपराष्ट्र यानि गाय चराने वालों के देश के रूप में मिलता है। दक्षिण कोंकण क्षेत्र का उल्लेख गोवाराष्ट्र के रूप में पाया जाता है। संस्कृत के कुछ अन्य पुराने स्त्रोतों में गोवा को गोपकपुरी और गोपकपट्टन कहा गया है जिनका उल्लेख अन्य ग्रंथों के अलावा हरिवंशम और स्कंद पुराण में मिलता है। गोवा को बाद में कहीं कहीं गोअंचल भी कहा गया है। अन्य नामों में गोवे, गोवापुरी, गोपकापाटन और गोमंत प्रमुख हैं। टोलेमी ने गोवा का उल्लेख वर्ष 200 के आस-पास गोउबा के रूप में किया है।

7. गुजरात :-

गुजरात नाम, गुर्जरत्रा से आया है। गुर्जरो का साम्राज्य ६ठीं से १२वीं सदी तक गुर्जरत्रा या गुर्जरभुमि के नाम से जाना जाता था। गुर्जर एक समुदाय है| प्राचीन महाकवि राजसेखर ने गुर्जरो का सम्बन्ध सूर्यवन्श या रघुवन्श से बताया है। कुछ विद्वान इन्हें मध्य-एशिया से आये आर्य भी बताते है।


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8. हरियाणा :-

शब्द हरियाणा का अर्थ “भगवान का निवास” होता है जो संस्कृत शब्द हरि (हिन्दू देवता विष्णु) और अयण (निवास) से मिलकर बना है। मुनीलाल, मुरली चन्द शर्मा, एच॰ए॰ फड़के और सुखदेव सिंह छिब जैसे विद्वानों के अनुसार हरियाणा में शब्द की उत्पति हरि ( संस्कृत हरित, हरा ) और अरण्य ( जंगल ) से हुई है।

9. हिमाचल प्रदेश :-

भारत के राज्य हिमांचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ “बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत” है। हिमाचल प्रदेश को “देव भूमि” भी कहा जाता है।

10. कर्नाटक :-

कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है।

11. केरल :-

केरल शब्द की व्युत्पत्ति को लेकर विद्वानों में एकमत नहीं है। कहा जाता है कि “चेर – स्थल”, ‘कीचड़’ और “अलम-प्रदेश” शब्दों के योग से चेरलम बना था, जो बाद में केरल बन गया। केरल शब्द का एक और अर्थ है : – वह भूभाग जो समुद्र से निकला हो। समुद्र और पर्वत के संगम स्थान को भी केरल कहा जाता है। प्राचीन विदेशी यायावरों ने इस स्थल को ‘मलबार’ नाम से भी सम्बोधित किया है। काफी लंबे अरसे तक यह भूभाग चेरा राजाओं के आधीन था एवं इस कारण भी चेरलम (चेरा का राज्य) और फिर केरलम नाम पड़ा होगा।

12. झारखण्ड :-

झारखण्ड यानी ‘झार’ या ‘झाड़’ जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और ‘खण्ड’ यानी टुकड़े से मिलकर बना है।


13. मध्य प्रदेश :-

भारतवर्ष के मध्य अर्थात बीच में होने के कारण इस प्रदेश का नाम मध्य प्रदेश दिया गया, जो कभी ‘मध्य भारत’ के नाम से जाना जाता था। मध्य प्रदेश हृदय की तरह देश के ठीक मध्‍य में स्थित है।

14. महाराष्ट्र :-

कई लोगों का मानना है कि महाराष्ट्र संस्कृत शब्द ‘महा’ जिसका अर्थ है महान और ‘राष्ट्र’ जो कि मूल रूप से राष्ट्रकूट राजवंश से आया है, से मिलकर बना है। जबकि कई लोगों का कहना है कि संस्कृत में ‘राष्ट्र’  का मतलब देश से है।

15. मणिपुर :-

मणिपुर का शाब्दिक अर्थ ‘आभूषणों की भूमि’ है।

16. मेघालय :-

मेघालय का शाब्दिक अर्थ है मेघों का आलय अर्थात बादलों का घर।

17. मिजोरम :-

मिज़ो’ शब्द की उत्पत्ति के बारे में ठीक से ज्ञात नहीं है। मिज़ोरम शब्द का स्थानीय मिज़ो भाषा में अर्थ है, पर्वत निवासीयों की भूमि।

18. नागालैंड :-

इस राज्य का इतिहास बर्मा और असम से मिलता-जुलता है लेकिन कुछ मतों के अनुसार इस राज्य का नाम अंग्रेज़ों ने नागा (नंगा हिन्दी में) के अनुसार रखा था।

19. ओड़िशा :-

ओड़िशा नाम की उत्पत्ति संस्कृत के ओड्र विषय या ओड्र देश से हुई है। ओडवंश के राजा ओड्र ने इसे बसाया पाली और संस्कृत दोनों भाषाओं के साहित्य में ओड्र लोगों का उल्लेख क्रमशः ओद्दाक और ओड्र: के रूप में किया गया है।

20. पंजाब :-

पंजाब’ शब्द, फारसी के शब्दों ‘पंज’ ( पांच ) और ‘आब’ ( पानी ) के मेल से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘पांच नदियों का क्षेत्र’ है।

21. सिक्किम :-

‘सिक्किम’ शब्द का सर्वमान्य स्रोत लिम्बू भाषा के शब्दों सु ( अर्थात “नवीन” ) तथा ख्यिम (अर्थात “महल” अथवा “घर” – जो कि प्रदेश के पहले राजा फुन्त्सोक नामग्याल के द्वारा बनाये गये महल का संकेतक है ) को जोड़कर बना है। तिब्बती भाषा में सिक्किम को दॅञ्जॉङ्ग, अर्थात “चावल की घाटी” कहा जाता है।

22. राजस्थान :-

राजस्थान शब्द का अर्थ है: ‘राजाओं का स्थान’ क्योंकि यहां गुर्जर, राजपूत, मौर्य, जाट आदि ने पहले राज किया था।

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23. तमिलनाडु :-

तमिलनाडु शब्द तमिलभाषा के तमिल तथानाडु यानि देश या वासस्थान, से मिलकर बना है जिसका अर्थ तमिलों का घर या तमिलों का देश होता है।

24. तेलंगाना :-

तेलंगाना’ शब्द का अर्थ है – ‘तेलुगू भाषियों की भूमि’।

25. त्रिपुरा :-

ऐसा कहा जाता है कि राजा त्रिपुर, जो ययाति वंश का 39 वाँ राजा था के नाम पर इस राज्य का नाम त्रिपुरा पड़ा। एक मत के मुताबिक स्थानीय देवी त्रिपुर सुन्दरी के नाम पर यहाँ का नाम त्रिपुरा पड़ा। यह हिन्दू धर्म के 51 शक्ति पीठों में से एक है। इतिहासकार कैलाश चन्द्र सिंह के मुताबिक यह शब्द स्थानीय कोकबोरोक भाषा के दो शब्दों का मिश्रण है – त्वि और प्रा। त्वि का अर्थ होता है पानी और प्रा का अर्थ निकट। ऐसा माना जाता है कि प्रचीन काल में यह समुद्र (बंगाल की खाड़ी) के इतने निकट तक फैला था कि इसे इस नाम से बुलाया जाने लगा।

26. उत्तराखंड :-

भारत के राज्य उत्तराखंड। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखंड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है।

27. उत्तर प्रदेश :-

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश शब्द का वास्तव में अर्थ ‘उत्तरी प्रांत’ है और यह भारत के उत्तरी भाग में स्थित है।

28. पश्चिम बंगाल :-

(बंगाली लोगों की पश्चिम में स्थित भूमि)

बंगाल संस्कृत के बंग शब्द से आया है जिसका अर्थ है पूर्व की भूमि. पश्चिम बंगाल नाम 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद इसका नाम पड़ा. यह बंगाल का पश्चिमी हिस्सा है।

आपको यह जानकारी भारत के राज्य के नाम और उनके अर्थ। कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में बताना ना भूलें। आपके विचार जानकार हमें प्रोत्साहन मिलता है। हम इसी तरह आपको नई-नई जानकारियां समय समय पर देते रहेंगे।

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धन्यवाद।

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7 comments

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D.k. मई 14, 2019 - 9:05 अपराह्न

Sir pukhiya ka parent time name bataiye

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 14, 2019 - 9:55 अपराह्न

सर जहाँ तक हम जानते हैं पुखिया कर्ण की पत्नी उरुवी के पिता का नाम था। यदि आप कहते हैं की यह किसी स्थान का नाम है तो कृपया कर यह बताइए कि यह किस राज्य में था?

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रंजना दिसम्बर 1, 2017 - 7:41 पूर्वाह्न

बहुत ही उत्तम और उपयोगी जानकारी साँझा की आपने। बहुत बहुत आभार

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Rakesh kumar सितम्बर 5, 2017 - 10:37 अपराह्न

Mujhe aaj paheli baar inka MATLAB pata chala bahot dhanyawad

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 7, 2017 - 5:00 पूर्वाह्न

Rakesh Kumar ji yahi yo hamara prayas hai ki aap tak aisi jankari pahunchate rahen. Isi tarah humare sath bane rahen.
Dhanywad.

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rahul मई 22, 2016 - 11:19 पूर्वाह्न

bahut achi details hai, padh kar kar bahut mza aaya. Appko blog ke liye shubhkamnaye.

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Mr. Genius मई 22, 2016 - 12:46 अपराह्न

Dhanyawad Rahul ji

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