Home » हिंदी कविता संग्रह » जीवन पर कविताएँ » हिंदी कविता : थक चुका हूँ मैं | Hindi Poem – Thak Chuka Hu Mai Lyrics

हिंदी कविता : थक चुका हूँ मैं | Hindi Poem – Thak Chuka Hu Mai Lyrics

by Sandeep Kumar Singh
4 minutes read

दोस्तों हम सब के दिल में कई बार अपने जीवन के हालातों को देखकर बहुत दुःख होता है। जब कई प्रयासों के बाद भी हमें सफलता न मिले। उस समय लगता है कि हमारा जीवन व्यर्थ सा है। ऐसी ही कुछ पीड़ा मैंने इस कविता द्वारा पेश करने की कोशिश की है हिंदी कविता : थक चुका हूँ मैं में।


हिंदी कविता : थक चुका हूँ मैं

हिंदी कविता : थक चुका हूँ मैं

जीवन की इस भाग दौड़ से,
हर आने वाले नए मोड़ से,
थक चुका हूँ मैं।

हर पल एक नई जंग की
तैयारी होती है।

रोज उठता हूँ तो
कई ग़मों से यारी होती है।

कलम उठा कर
लिखने लगता हूँ मैं जज़्बात अपने,

पढ़ लेता है कोई तो
बहुत दुश्वारी होती है।

संघर्षों की आग में अब
पक चुका हूँ मैं।
जीवन की इस भाग दौड़ से,
हर आने वाले नए मोड़ से,
थक चुका हूँ मैं।

बहुत मुश्किल से दो पल
फुर्सत का इंतजाम होता है।

करने वाला कोई और है
और किसी और का नाम होता है।

तबाह होते हैं जब शहर तो
शहज़ादे महफूज होते हैं,

कोई बर्बाद होता है तो
वो लोग आम होते हैं।

भेदभाव की इस दुनिया में
अटक चुका हूँ मैं।
जीवन की इस भाग दौड़ से,
हर आने वाले नए मोड़ से,
थक चुका हूँ मैं।

कुछ छोड़ देते हैं खाना
डाइटिंग के नाम पर,

कुछ लोगों को न
एक वक्त खाना नसीब होता है।

तपती गर्मी में कई
ऐसी के नीचे सोते हैं,

हादसे सोते लोगों के साथ तो
बस फुटपाथ पर होते हैं।

कानून भी हस्ती का होता है अब ये सीख
सबक चुका हूँ मैं।
जीवन की इस भाग दौड़ से,
हर आने वाले नए मोड़ से,
थक चुका हूँ मैं।

न जाने कब कोई सुधार आएगा।
वतन को सुधारने कब
कोई अवतार आएगा।

बचपन से जो देखी है
मैंने हालत हिंदुस्तान की,

न जाने कितनी बार
सिसक चुका हूँ मैं।

जीवन की इस भाग दौड़ से,
हर आने वाले नए मोड़ से,
थक चुका हूँ मैं।
थक चुका हूँ मैं।

ये कविता आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं, और शेयर करें। ऐसे नए नए कविताएं पाने के लिए हमारे ईमेल अपडेट सब्सक्राइब करें।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग कीअन्य प्रेरणादायक कविताएँ :-

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

11 comments

Avatar
सुनील जैन"मुरारिया"नेताजी पूर्व जिला पंचायत सदस्य तहसील लटेरी जिला विदिशा(म.प) फ़रवरी 3, 2019 - 6:00 पूर्वाह्न

में अभिभूत हूँ,आपकी शानदार और जानदार कवितायें पढ़कर,आपका कविताओं के माध्यम से देश के लिए अविस्मरणीय योगदान है,आपका व्यक्तिव्य ही साहित्यहैं!,,,,सच में बहुत ही प्रेरणास्पद और दिल को छूने वाली कवितायें हैं।में आपके इस प्रयास के लिए साधुवाद देता हूँ….???

Reply
Avatar
Krishan Jangid सितम्बर 25, 2018 - 3:29 अपराह्न

Very nice stories dil ko chhu gayi

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 25, 2018 - 10:32 अपराह्न

धन्यवाद Krishan जी…….

Reply
Avatar
Amod अगस्त 10, 2018 - 9:52 पूर्वाह्न

Superb sir superb
Fan of you

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 10, 2018 - 3:31 अपराह्न

धन्यवाद आमोद जी।

Reply
Avatar
Zeeshan अप्रैल 26, 2018 - 12:16 पूर्वाह्न

Bahut achha laga kavita padh kar.
Kya ye kavitayen aapki hai?

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 26, 2018 - 7:13 पूर्वाह्न

जी हाँ, ज़ीशान जी ये मेरी ही लिखी कविताएं हैं। धन्यवाद।

Reply
Avatar
Ajay Ingle जनवरी 22, 2018 - 9:48 पूर्वाह्न

Bahut khub likha hai janab aapki shayri wake dam hai……Very nice

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 23, 2018 - 9:48 अपराह्न

Thanks Ajay Ingle ji..

Reply
Avatar
Lalit Banjara अगस्त 13, 2016 - 4:12 अपराह्न

Awesome really superb and inspiring…if you don't mind than i give you a beautiful suggestion actually aap apni post ki url me hindi words ka use kar rahe hai…agar aap meri baat manange to isme english words ka use kare jald hi aapka blog top par aane lagega

Reply
Mr. Genius
Mr. Genius अगस्त 13, 2016 - 8:25 अपराह्न

Thanks Lalit Banjara ji for your suggestion we will try to do it in future…and thanks for your precious comment amd advice…..

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.